- मौनी अमावस्या सभी अमावस्या तिथियों में मानी जाती है सर्वश्रेष्ठ, इस दिन मनु ऋषि का हुआ था जन्म।
- मान्यता है कि इस दिन मौन धारण कर गंगा स्नान दान करने से मनोवांछित फल की होती है प्राप्ति।
- माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मिलती है मुक्ति।
mauni amavasya 2022 snan Date, Time, Puja Muhurat: ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने व पात्र व्यक्ति को दान करने से सभी पापों का नाश होता है और धरती पर समस्त सुखों को भोगने के बाद वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही मानसिक समस्या, डर या वहम खत्म होता है और कुंडली में सभी ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है। देशभर में मौनी अमावस्या का पावन पर्व यानी 1 फरवरी 2022, मंगलवार को है। हालांकि अमावस्या तिथि 31 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट शुरू होगी, लेकिन उदया तिथि 01 फरवरी को होने के कारण अमावस्या का स्नान 01 फरवरी को किया जाएगा।
mauni amavasya 2022 snan Time
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ - सोमवार, जनवरी 31, 2022 को दोपहर 02:18 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त - मंगलवार, फरवरी 01, 2022 को सुबह 11:15 बजे
- मौनी अमावस्या पर स्नान और दान- मंगलवार, फरवरी 01 को सुबह 11.15 बजे तक
शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन मौन धारंण कर स्नान दान करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में संगम के तट पर सभी देवी देवता वास करते हैं। इस दौरान स्नान करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है और अक्षय फल के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।
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मौनी अमावस्या पर स्नान के नियम
- इस दिन नदी, सरोवर या जलाशय में स्नान करना शुभ माना जाता है, लेकिन यदि संभव ना हो तो आप पानी में गंगा जल डालकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर सकते हैं।
- मौनी अमावस्या के दिन नहाने वाले जल में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए। इससे श्रीहरि भगवान विष्णु का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।
- इस दिन नहाने के बाद तांबे के लोटे में तिल, अक्षत व पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली सभी विघ्न बाधाओं का अंत होता है।
- शास्त्रों के अनुसार स्नान के बाद किसी पात्र व्यक्ति या ब्राह्मणों को तिल, गुड़, कंबल आदि दान करने से समस्त पापों का नाश होता है तथा सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन ध्यान रहे दान करने से सवा घंटे पहले तक मौन धारण करके रखें।
- कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और प्रभु का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्नान करते समय भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है।
- इस दिन किसी पवित्र नदी के तट पर पितरों का तर्पण करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और वंश में वृद्धि होती है।
Mauni Amavasya Vrat Katha: मौनी अमावस्या की व्रत कथा
Mauni Amavasya Ke Niyam, मौनी अमावस्या के नियम
ध्यान रहे अमावस्या की एक रात पहले सात्विक भोजन ग्रहंण करें, भूलकर भी मांस, मदिरा का सेवन ना करें अन्यथा आपका व्रत व्यर्थ जा सकता है।
पौराणिक ग्रंथों में मौनी अमावस्या को लेकर कहा गया है कि होठों से प्रभु के नाम का जप करने से जितना पुण्य प्राप्त नहीं होता, उससे कई गुना अधिक फल मन में श्रीहरि के नाम का जप करने से मिलता है। इस दिन मौन धारण कर गंगा स्नान दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।