हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिवजी का प्रमुख दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिवजी की पूजा की जाती है। सोम का अर्थ है चंद्रमा जो शिव के जटा पर विराजित है। इस दुनिया में शिव से बड़ा कोई नहीं है। इन्ही के अंदर पूरी सृष्टि बसी है। सही मायने में शिव ही जगतेश्र्वर है। यह शक्ति से परे नहीं है बल्कि इनका ही नारी रूप है शक्ति। इनका रूप अर्धनारीश्वर का है जिसमें इनका आधा रूप नारी का है और आधा पुरुष का है। माना जाता है कि इस दिन जो भी सच्चे मन से इनकी पूजा करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है।
शिवजी हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। सारे देवो में से शिव ही ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों की भक्ति-पूजा से बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं। अविवाहित लड़कियों के लिए शिव जी का व्रत खास माना जाता है। कहते है जो भी लड़की इस व्रत को सच्चे मन से करती है उसे अच्छा वर प्राप्त होता है। भगवान शिव को अड़भंगी कहा जाता है क्योंकि वह नियम,कायदे और ताम-झाम जैसी दिखावटी चीजों से दूर, सादगी पसंद हैं। उनके भक्त भी उनकी ही तरह सादगी वाले होने चाहिए।
इस दिन करें इन मंत्रो का जापः
माना जाता है भगवान शिव के व्रत के दिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए कहते है जाप करने से मन को शांति एवं सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
- नमः शिवाय, ऊँ नम: शिवाय।।
- मन्दारमालांकलितालकायै कपालमालांकितशेखराय।
- दिव्याम्बरायै च दिगम्बराय नम: शिवायै च नम: शिवाय।।
ऐसे करें शिव की पूजाः
सोमवार के दिन जल्दी उठकर व्रत का संकल्प ले और फिर पूजा के स्थान पर जाकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध चढ़ाए। शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाए और सभी को तिलक लगाएं। सबसे पहले धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें उसके बाद भगवान शिव की आरती करें और सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करें। और पूजा को संपन्न करने के लिए भगवान शिव को घी, शक्कर या प्रसाद का भोग लगाएं।
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