- नौतपा में ठंडी चीजों का करें दान
- नौतपा में जल दान होता है सबसे उत्तम
- नौतपा के नौ दिनों में उमस भरी गर्मी का होता है अहसास
Nautapa 2022 Date Time and Donate Things: ग्रीष्म ऋतु और धार्मिक दृष्टिकोण से नौतपा का विशेष महत्व होता है। नौतपा 25 मई से शुरू हो चुका है जोकि 2 जून तक जारी रहेगा। कहा जाता है कि नौतपा के दौरान 9 दिनों तक सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक धरती पर रहती है और इस दौरान की गर्मी के साथ उमस का भी अहसास होता है। इसलिए नौतपा का समय पशु-पक्षियों से लेकर मनुष्यों के लिए भी बेहद परेशान करने वाले होता है। नौतपा के दौरान कभी-कभी तो सूर्य की गर्मी हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो इस दौरान आंधी और तूफान भी आते रहते हैं। यही कारण है कि नौतपा का मौसम परेशान करने वाला होता है।
हिंदू धर्म में नौतपा के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है। वहीं नौतपा में कुछ विशेष चीजों का दान करने से पुण्य मिलता है। रुड़, पद्म, स्कंद पुराण में बताया गया है कि नौतपा में दिए दान का विशेष महत्व होता है। जानते हैं नौतपा के दौरान कौन से काम करें और कौन से काम नहीं करें। साथ ही जानते हैं इस दौरान किन चीजों का दान देना चाहिए।
नौतपा में किन चीजों का करें दान
- नौतपा के दौरान सूर्य की गर्मी चरम पर होती है। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए नौतपा में शरीर को ठंडक देने वाली चीजें जैसे कि दही, छाछ, नारियल, शिकंजी आदि का दान जरूरतमंदों को करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
- नौतपा ज्येष्ठ के महीने में पड़ता है। जेष्ठ का महीना भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है। जोकि जल के महत्व को दर्शाता है। इसलिए नौतपा के दिनों में जल की व्यवस्था करना सबसे शुभ माना जाता है। सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी अपने घर की बालकनी या छतों पर जल की व्यवस्था करनी चाहिए।
- नौतपा में पानी से भरा मिट्टी का घड़ा या सुराही, पंखा, छाता और जूते-चप्पल आदि का दान करना भी उत्तम माना जाता है इससे ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है
- नौतपा में आप जरूरतमंद लोगों को को फलों का दान भी कर सकते हैं और आम, लीची, खरबूजा, ककड़ी और खीरा आदि का दान जरूर करें।
नौतपा में क्या करें और क्या न करें
- नौतपा में खासकर दोपहर के समय यात्रा करने से बचें। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती है।
- खुद को पूरी तरह से हाइड्रेट रखें। क्योंकि नौतपा में निर्जलीकरण की परेशानी ज्यादा होती है। इसलिए समय-समय पर पानी पीते रहें।
- नौतपा में पेड-पौधे लगाना पर्यावरण के लिए अच्छा माना जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
- नौतपा में शाकाहारी भोजन, अत्यधिक तेल मसाले वाले भोजन और तली-भुली चीजे खाने से बचना चाहिए।
कब से कब तक नौतपा
शास्त्रों के अनुसार इस साल 25 मई सुबह 08:16 मिनट पर सूर्यदेव ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश किया है, जोकि 8 जून तक रहेंगे। 8 जून सुबह 06:40 मिनट पर सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र से बाहर आएंगे। वहीं नौतपा 2 जून तक रहेगा।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)