- शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 7 अक्टूबर 2021 से शुरु हो गया है।
- नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है।
- नवरात्रि के नौ दिनों में अलग अलग रंग पहनकर मां के प्रति भक्ति च श्रद्धा दिखाई जाती है।
Navratri 2021 Colours : शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 7 अक्टूबर 2021 दिन बृहस्पतिवार से शुरु होकर 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार तक है। नवरात्रि में रंगों का भी विशेष महत्व है। लोग नौ दिन अलग अलग रंग के परिधान पहनते हैं। हर दिन मां के हर स्वरूप के लिए एक रंग निश्चित किया गया है। शास्त्रों के अनुसार नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में हर एक दिन एक खास रंग मायने रखता है। ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि के नौ किन किन रंगो का विशेष महत्व है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा होती है।
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नवरात्रि का पहला दिन : पीला रंग
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इस दिन कलश स्थापना कर मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का निवारण होता है। मां शैलपुत्री को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। बता दें पीला रंग खुशहाली और चमक का प्रतीक होता है। मान्यता है कि इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करने व माता को पीला फूल व मिठाई का भोग लगाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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नवरात्रि का दूसरा दिन : हरा रंग
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है। इस दिन मां ब्रम्हचरिणी की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता को हरा रंग अत्यंत प्रिय है, हरा रंग एक नई शुरुआत और प्रगति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन माता रानी की पूजा हरे रंग के साथ की जाए तो मां दुर्गा अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होती हैं।
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नवरात्रि का तीसरा दिन : भूरा रंग
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा और कुष्मांडा की पूजा की जाती है। माता को भूरा रंग बेहद प्रिय है। भूरा रंग बुराई के विनाश का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां चंद्रघंटा और कुष्मांडा की पूजा अर्चना करने से मभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी कष्टों का निवारण होता है।
नवरात्रि का चौथा दिन : नारंगी रंग
नवरात्रि के चौथे दिन स्कंदमाता की पूजा अर्चना का विधान है। माता को नारंगी रंग बेहद प्रिय है, यह ज्ञान और शांति का प्रतीक है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र धारंण कर माता की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और विशेष फल की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि का पांचवा दिन : सफेद रंग
इस दिन माता के पांचवे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है। माता को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है। इस दिन सफेद वस्त्र धारण कर माता को सफेद फूल चढ़ाने और सफेद मिठाई का भोग लगाने से माता जल्दी प्रसन्न होती हैं। शास्त्रों में सफेद रंग पवित्रता, ध्यान और शांति का प्रतीक बताया गया है।
नवरात्रि के छठा दिन : लाल रंग
नवरात्रि के छठे दिन माता के छठे स्वरूप कालरात्रि की पूजा का विधान है। माता को लाल रंग प्रिय है। बता दें लाल रंग सुंदरता और निडरता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस दिन माता को लाल फूल चढ़ाने और पूजा में लाल रंग की चीजों का इस्तेमाल करने से माता भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
नवरात्रि का सातवां दिन : नीला रंग
इस दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। माता को नीला रंग अत्यंत प्रिय है। शास्त्रों के अनुसार नीला रंग दिव्य ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
नवरात्रि का आठवां दिन : गुलाबी रंग
नवरात्रि का आठवां दिन नौ दिनों में सबसे खास होता है। क्योंकि इस दिन महाष्टमी होती है, अष्टमी के दिन मां सिद्धिदात्रि की पूजा का विधान है। माता को गुलाबी रंग बेहद प्रिय है। शास्त्रों में गुलाबी रंग करुणा और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस दिन माता को गुलाबी रंग का फूल चढ़ाने और पूजा में गुलाबी रंग की चीजों का इस्तेमाल करन से माता भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि का नौवां दिन : बैंगनी रंग
नवरात्रि का नौवां दिन भी बेहद खास होती है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर कन्या पूजन किया जाता है। मां दुर्गा को बैंगनी रंग अत्यंत प्रिय है। बैंगनी रंग ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।