- मां दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं मां महागौरी, इनकी पूजा करने से सभी कष्ट होते हैं दूर।
- महागौरी के बीज मंत्र का जाप करने से घर में बनी रहती है सुख-शांति।
- कई वर्षों तक तपस्या करने के बाद मां पार्वती का रंग हुआ था गौर वर्ण, भगवान शिव के वरदान से कहलाईं महागौरी।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 13 अप्रैल से नवरात्रि प्रारंभ हुई थी। आज 21 अप्रैल को महाष्टमी तिथि है जिसे दुर्गाष्टमी भी कहते हैं। आज के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कई सालों तक तपस्या करने के बाद माता पार्वती का रंग काला पड़ गया था जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था। भगवान शिव के वरदान से वह आगे चलकर महागौरी के नाम से प्रख्यात हुईं। कहा जाता है कि जो भक्त महाष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा करता है उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा उसके जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
यहां जानें मां महागौरी की आरती, मंत्र, कथा और भोग।
मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।
चंद्रकली और ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।
सती सत हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।
भक्त बोलो तो सच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।
मां महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं हीं वरदायै नमः।
मां महागौरी का मंत्र
1. माहेश्वरी वृष आरुढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
2. ॐ देवी महागौर्यै नमः।
मां महागौरी की कथा
जानकार बताते हैं कि, मां महागौरी बेहद शांत प्रवृत्ति की हैं। वह भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं। भगवान शिव को अपने पति के रुप में प्राप्त करने के लिए मां महागौरी ने वर्षों तक कठोर तपस्या किया था। इतनी कठोर तपस्या करने के बाद मां महागौरी का तन काला पड़ गया था लेकिन भगवान शिव उनसे प्रसन्न हो गए थे। जब भगवान शिव ने उनसे वरदान मांगने को कहा तब मां महागौरी ने वापस गौर वर्ण का होने का वरदान मांगा था। भगवान शिव ने उन्हें कांतिमय होने का आशीर्वाद दिया था। इसलिए मां दुर्गा के आठवे स्वरूप को महागौरी कहा जाता है।
मां महागौरी का भोग
मां महागौरी को नारियल का भोग अवश्य लगाना चाहिए। जो भक्त मां महागौरी को नारियल का भोग लगाता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं तथा संतान संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है।