- सावन में शिवा मुट्ठी' चढ़ाने से मिलती है हर कष्ट से मुक्ति
- सावन के प्रत्येक सोमवार को एक मुट्ठी अनाज चढ़ाना चाहिए
- सावन के अंतिम सोमवार को पंच अनाज भी चढ़ाए जा सकते हैं
सावन मास में जिस तरह से शिवजी के रुद्राभिषेक का महत्व होता है, ठीक उसी तरह शिवा मुट्ठी चढ़ाने का भी महत्व है। खास बात ये है कि सावन में यदि पांच सोमवार जिस बार पड़ते हैं, उसमें शिवा मुट्ठी चढ़ाने का सबसे अमोघ पुण्य मिलता है। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं। यदि आपने अब तक शिवा मुट्ठी शिवजी को अर्पित नहीं किया तो घबराएं नहीं, बल्कि आप सावन के किसी भी सोमवार को शिवा मुट्ठी चढ़ा सकते हैं।
खास कर अंतिम सोमवार के दिन भी चढ़ा कर पूरे सावन के सोमवार का लाभ पा सकते हैं। शिवा मुट्ठी चढ़ाने के लिए शाम के समय सबसे ज्यादा उपयुक्त माना गया है। तो आइए जानें क्या है ये शिवा मुट्ठी और इसे चढ़ाने की विधि और फायदे।
what is shiv mutthi, shiv muthi upay in sawan : सावन में शिवजी को चढ़ाएं शिवा मुट्ठी
- सावन के पहले सोमवार को यदि आपने चावल नहीं चढ़ाया है तो आप किसी भी सोमवार को एक मुट्ठी चावल शिवजी को चढ़ा दें। ये चावल भक्त की मुठ्ठी के बराबर होने चाहिए। चावल खंडित न हो और साफ-सुथरे होने चाहिए। इसे चढ़ाने से आर्थिक संकट दूर होगा। आप इसे सावन में आने वाले किसी भी सोमवार को अर्पित कर सकते हैं।
- सावन के दूसरे सोमवार के दिन आपको एक मुट्ठी सफेद तिल चढ़ाना चाहिए। सोमवार की शाम को ये तिल पूजा के बाद चढ़ा दें। यदि आप इसे दूसरे सोमवार को न चढ़ा पाएं तो सावन के तीसरे सोमवार के दिन इसे चढ़ा दें। इसे चढ़ाने से बीमारी से मुक्ति मिलेगी। ने का महात्मय होता है। अपनी मुठ्ठी से एक मुठ्ठी सफेद तिल लेकर प्रभु को अर्पित कर दें।
- सावन के तीसरे सोमवार को एक मुट्ठी हरे मूंग चढ़ाएं। इससे आपके जीवन में रुका विकास दूर होगा और जीवन मे सफला के मार्ग खुलेंगे।
- सावन के चौथे सोमवार को एक मुट्ठी जौ चढ़ाना चाहिए। ये घर-परिवार के विकास और समृद्धि के लिए बहुत उपयोगी उपाय है।
- सावन के पांच सोमवार को सतुआ चढ़ाया जाना चाहिए। इसे चढ़ाने से भक्त के जीवन में अन्न-धन और विद्या की कभी कमी नहीं होती।
Shiv Puja with shiv mutthi : शिवा मुट्ठी चढ़ाने से पहले कैसे करें शिवपूजा
शिवा मुट्ठी को सोमवार की शाम को चढ़ाना चाहिए। शिवा मुट्ठी चढ़ाने से पहले शिवजी को पंचामृत चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को जल से स्नार करा कर 108 बेलपत्र पर ऊं नम: शिवाय लिखकर चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को इत्र चढ़ाएं। फिर पीली धोती शिवलिंग पर चढ़ाएं और साथ में माता पार्वती को चुनरी चढ़ाएं। इसके बाद पूरे शिव परिवार को जल दें और पूजा करें। अंत में शिवा मुट्ठी शिवलिंग पर चढ़ाएं।
नोट : यदि आप किसी भी सोमवार को शिवा मुट्ठी चढ़ाना भूल गए तो अगले सोमवार को उसे चढ़ा सकते हैं। अंतिम सोमवार के सारे ही चार सोमवार के अनाज को भी चढ़ाया जा सकता है।