- ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में हमेशा ही पहने
- गणेश भगवान को रोज एक पूरी सुपारी चढ़ाएं
- हनुमान चालीसा और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें
जब किसी मनुष्य की मृत्यु असमय होती है अथवा उसकी कोई इच्छा मुत्यु के कारण अधूरी रह जाती है, तब वह उसकी पूर्ति के लिए तड़पती है। ऐसे में वह अपने परिजनों के आस-पास रह कर उनसे उस इच्छा की पूर्ति की मांग करती है। यही नहीं कई बार आत्माएं अपने प्रिय से दूर जाने को राजी नहीं होती। ऐसे में वह मनुष्य के शरीर में घुसने के लिए बेताब रहती हैं। इन आत्माओं के कारण उनके परिजनों को कई कष्टों का सामना करना पड़ा है। ऐसे में दो उपाय ऐसे लोगों को जरूर अपनाने चाहिए, जो प्रेतात्माओं से परेशान हो। पहले तो ऐसी आत्माओं को प्रेतयोनी से मुक्ति कराने के लिए गया में जा कर प्रेतशिला पर उनका श्राद्ध करना चाहिए। दूसरा, खुद को प्रेतों से मुक्ति के लिए लाल किताब के उपाय करने चाहिए।
इन उपायों से प्रेतात्माएं होंगी दूर, हर किसी को रखना चाहिए इन बातों का ध्यान
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आपको महसूस होता है कि आपके आस-पास आत्माएं रहती हैं तो आपको ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में हमेशा ही पहने रहना चाहिए। साथ ही घर के मुख्य दरवाजे पर त्रिशूल में जड़ा ॐ लगा दें। अपने माथे पर चंदन, केसर या भभूति लगाएं और हाथ में मौली हमेशा बांध कर रखें।
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रात को खाना-पीना खाने के बाद जब सोने जाएं तो घर के मंदिर में चांदी की कटोरी में कपूर और लौंग का धूप कर दें।
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पुष्य नक्षत्र में चिड़चिटे या धतूरे का पौधा जड़सहित उखाड़ लें और इसे जमीन पर ऐसे गाड़ें की जड़ वाला भाग ऊपर रहे। बाकी पौधा जमीन के अंदर रहे। ये उपाय आपको नकारात्मक शक्तियों से मुक्त करेगा।
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प्रेत बाधा मुक्ति के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप जब समय मिले तब करें। खास कर रात में सोते समय जरूर करें। इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करें।
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ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम् क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर
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अशोक के पेड़ के सात पत्ते तोड़ कर अपने घर के पूजा मंदिर में रख दें। जब ये पत्ते सूखने लगें तो इन्हें पीपल के पेड़ के नीचे रख दें और फिर से नया पत्ता फिर से रख दें।
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भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए गणेश भगवान को रोज एक पूरी सुपारी चढ़ाएं और कम से कम एक कटोरी चावल का दान करें। ऐसा तब तक करें जब तक की आपको बेहतर महसूस न हो।
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मां काली के मंदिर में शुक्रवार और शनिवार की सुबह-शाम धूप-दीप दिखा कर उनसे प्रेतात्माओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
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हनुमान चालीसा और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें और हनुमान मंदिर में हनुमान जी का श्रृंगार करें व चोला चढ़ाएं।
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मंगलवार और शनिवार के दिन बजरंग बाण जरूर करें।
नदी, पुल या सड़क पार करते समय भगवान का नाम जरूर लें। साथ ही कभी भी विरान या ऐसी जगह टॉयलेट न करें जहां ऐसी नकारात्मक शक्तियों के होने का आभास हो।