- पितरों की नाराजगी समझने के 5 संकेत
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- 10 सितंबर से शुरू होने वाले पितृ पक्ष
Pitru Paksha 2022: इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर से आरंभ होगा और 25 सितंबर को इसका समापन होगा। पितृपक्ष में पूर्वजों का विधिवत श्राद्ध किया जाता है। इस दिन दान-धर्म के कार्य करने और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज अपने वंशजों को आशीर्वाद देने धरती पर उतरते हैं। शास्त्रों के जानकारों का कहना है कि पितृ अगर नाराज हो जाएं तो इंसान के जीवन में उथल-पुथल मचा सकते हैं। इसलिए खुशहाल जीवन के लिए इनका प्रसन्न रहना बहुत जरूरी है। जीवन में आए पांच खास बदलावों से आप पितृों के नाराज होने का इशारा समझ सकते हैं।
नुकसान या दुर्घटना
अगर दुर्घटनाएं या नुकसान आपका पीछा नही छोड़ रहे हैं तो ये आपके पितरों के नाराज होने का संकेत हैं। इन दुर्घटनाओं और आर्थिक मोर्चे पर नुकसान को बेवजह ना समझें।
संतान पक्ष की बाधाएं
यदि आपकी संतान दैनिक जीवन में किसी ना किसी बाधा का शिकार होती है तो ये पितरों की नाराजगी का करण हो सकता है। जब तक आप पितरों को शांत नहीं करेंगे ये समस्याएं बढ़ती रहेंगी।
घर में कलेश
यदि आपके दांपत्य जीवन में दिक्कतें आने लगे और घर में दिन रात कलेश रहने लगे तो समझ लीजिए आपके पितृ आपसे नाराज हैं।
शुभ कार्यों में बाधा
यदि आपके शुभ और मांगलिक कार्यों में बाधा आ रही है या कोई काम समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है तो ये भी पितरों की नाराजगी का ही एक इशारा है।
विवाह में देरी
अगर योग्य आयु होने के बावजूद आपका विवाह नहीं हो पा रहा है या रिश्ता होते ही टूट जाता है तो समझ ले कि आपके पितृ आपसे नाराज हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)