मुंबई. पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। पीएम मोदी के साथ उनके मंत्रीमंडल ने भी शपथ ली है। पीएम मोदी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें लगातार दूसरा कार्यकाल मिला है। ज्योतिष के मुताबिक आने वाले समय में ये सरकार जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरेगी।
ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार नरेंद्र मोदी जी के शपथ ग्रहण सांयकाल 07 बजकर 05 मिनट पर चंद्रमा गुरु की राशि मीन में गोचर कर रहे थे।इस समय गुरु वृश्चिक में,शनि व केतु धनु में,शुक्र मेष में,मंगल व राहु मिथुन में तथा सूर्य व बुध वृष राशि में गोचर कर रहे हैं।चंद्रमा रेवती के चतुर्थ चरण में 27 अंश का है।
शपथ ग्रहण का समय बहुत ही शानदार तथा ज्योतिष से पूर्णतया सही है।मोदी जी की कुंडली भी वृश्चिक लग्न की है। उस समय भी चंद्रमा पंचम गोचर कर रहे हैं। पंचम गोचर जनता का तथा नवम भाग्य का है।जनता की आकांक्षाओं पर यह सरकार खरा उतरेगी तथा जनता के मन अनुरूप कार्य होंगे।विश्व स्तर पर मोदी एक बड़े नेता के रूप में उभरेंगे।
ऐसे होंगे पड़ोसी देश के साथ रिश्ते
मंगल का गोचर भारत की शक्ति को बढ़ाएगा और पड़ोसी देशों को अपनी शक्ति का समय समय पर आभाष कराता रहेगा। गुरु का गोचर शिक्षा तथा ज्ञान के फील्ड में भारत को विश्व गुरु बनाएगा। सूर्य का वृष में बुध के साथ गोचर बुधादित्य नामक महा राजयोग बनाते हुए भारत की आर्थिक स्थिति को बहुत ही उन्नत बनाएगा।
मंगल का बुध की राशि मिथुन में गोचर अंतरराष्ट्रीय जगत में देश को आर्थिक महाशक्ति बनाते हुए कूटनीतिक सफलता दिलाएगा।शुक्र का मेष में गोचर सैन्य पावर को इतना बढ़ा देगा कि शत्रु देश में एक प्रकार का भय व्याप्त रहेगा।आतंकवाद को कुचल दिया जाएगा क्योंकि मंगल आतंकियों में भय पैदा कर रहा है।
कई राज्यों में बदलेगी सरकार
शपथ ग्रहण के 6 महीने के अंदर कई राज्यों में सत्ता चेंज हो सकती है।सबसे मुख्य बात यह रहेगी कि भारत एक बड़े आर्थिक शक्तिशाली देश के रूप में सामने आएगा तथा विश्व अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा।
शनि बहुत ही अनुकूल स्थिति में केतु के साथ धनु राशि में गोचर करके मोदी को अब तक का सबसे सफल प्रधानमंत्री बनाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुल 24 कैबिनेट मंत्री, 24 राज्य मंत्री और 9 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने शपथ ली है।
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