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सूर्य ग्रहण के बाद खोले गए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट, कोरोना को खत्म करने के लिए की गई प्रार्थना

Updated Jun 21, 2020 | 18:10 IST

Barinath Portal Open: सूर्य ग्रहण के बाद बद्रीनाथ मंदिर के कपाट एक बार फिर खोल दिए गए हैं। सूर्य ग्रहण से पहले सूतक काल लगते ही कल शनिवार रात करीब साढे़ दस बजे बंद कर दिये गये। 

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Badrinath Temple
मुख्य बातें
  • सूर्य ग्रहण के दौरान चारों धाम के कपाट बंद रहे।
  • सूर्य ग्रहण के बाद बद्रीनाथ के कपाट खोले गए।
  • मंदिर को पवित्र करने के बाद भगवान बद्रीविशाल की अभिषेक पूजा संपन्न की गयी।

देहरादून. उत्तराखंड में रविवार को सूर्यग्रहण देखा गया और इस दौरान चारधाम सहित समस्त मंदिर के कपाट बंद रहे। चारों धामों, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री, सहित प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट सूर्यग्रहण शुरू होने से पहले सूतक काल लगते ही कल शनिवार रात करीब साढे़ दस बजे बंद कर दिये गये। 

रविवार को ढाई बजे कपाट को दोबारा खोला गया। करीब 16 घंटे बाद खुले इन मंदिरों में पहले साफ—सफाई की गयी और फिर नियमित पूजा अर्चना की गयी।
 श्री बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने 'भाषा' को बताया कि नियमित पूजा शुरू होने से पूर्व मंदिर का शुद्धिकरण किया गया। 

भुवन चंद्र उनियाल ने बताया-मंदिर परिसर सहित मंदिर के बाहर और भीतर साफ पानी और पंचगर्भ्य से सफाई करने की परम्परा संपन्न की गई। भगवान बदरीनाथ के गर्भगृह के अंदर मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी तथा उनके सहयोगी डिमरी पंडितों ने यह परंपरा निभाई।

कोरोना को खत्म करने के लिए की प्रार्थना
मंदिर को पवित्र करने के बाद भगवान बद्रीविशाल की अभिषेक पूजा संपन्न की गयी। इसी तरह, ग्रहण समाप्त होने के बाद केदारनाथ मंदिर में भगवान शिव के कपाट खोल दिये गये। शुद्धिकरण की परंपरा पूरी करने के बाद भगवान शिव की अभिषेक पूजा की गयी।

उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में सूर्यग्रहण काल मे रावल और तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर में सूर्यग्रहण निवारण और लोक कल्याण के लिए गंगा सहस्त्रनाम पाठ, गंगा स्तोत्र, गंगा लहरी पाठ तथा भजन कीर्तन किया।  मां गंगा और यमुना से कोरोना महामारी को समाप्त करने की प्रार्थना की।


खोले गए बद्रीनाथ के कपाट
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने बताया कि सूर्यग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और मंदिर की सफाई आदि प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गए।

हरिद्वार और ऋषिकेश सहित प्रदेश के अन्य सभी मंदिर भी ग्रहण काल में बंद रहे जो ढाई बजे दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गये। उत्तराखंड में कई जगह लोगों ने सूर्यग्रहण देखा जबकि देहरादून और टिहरी में लोगों ने वलायाकार ग्रहण देखने का भी दावा किया। 
 

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