- अगरबत्ती जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है।
- इससे निकलने वाली सुगंध आपके मन को रखती है शांत।
- अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाने के लिए अलग-अलग जड़ी बूटियों और सुगंधित चीजों का किया जाता है इस्तेमाल।
Importance Of Fragrance In Worship : पूजा पाठ, अगरबत्ती धूप या कपूर के बिना अधूरा माना जाता है। धूप या अगरबत्ती के बिना कोई भी पूजा संपूर्ण नहीं होती। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा पाठ में सुगंध का क्या महत्व है। शास्त्रों के अनुसार पूजा स्थल पर अगरबत्ती, धूपबत्ती या कपूर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है और समस्त नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। तथा आसपास का माहौल खुशनुमा हो जाता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि धुएं से उपासक की वंदना को ईश्वर तक पहुंचाया जाता है। सुगंध आसपास की नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करता है।
अगरबत्ती और धूपबत्ती का आध्यात्मिक महत्व
अगरबत्ती जलाने का आध्यात्मिक महत्व है। कहा जाता है कि देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अगरबत्ती सबसे आसान उपाय है। अगरबत्ती जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। कहते हैं कि इससे गृह कलेश और पितृदोष का भी शमन हो जाता है व घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
वहीं धूपबत्ती से निकलने वाले धूप का भी आध्यात्मिक महत्व है। कहा जाता है कि धूपबत्ती से निकलने वाला धुआं उपासकों का होता है। इसके माध्यम से भक्तों की प्रार्थना सीधे भगवान के पास पहुंचाई जाती है। धूपबत्ती की सुगंध भक्तों का मनोबल बढ़ाती है और आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है। इससे मन शांत रहता है और परिवार में रहने वाले सभी सदस्यों के रोग-शोक दूर होते हैं।
अगरबत्ती और धूपबत्ती का मनोवैज्ञानिक महत्व
अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाने से इससे निकलने वाला धुआं ना केवल मन को शांत रखता है बल्कि यह वातावरण को शुद्ध कर खुशनुमा बनाता है। हरि दर्शन सेवाश्रम के एमडी गोल्डी नागदेव बताते हैं कि धूप और अगरबत्ती से से निकलने वाली सुगंध आपके मन को शांत रखती है। आप जब किसी धार्मिक आयोजन में बैठते हैं तो शांत महसूस करते हैं और पूजा पाठ में ध्यान केंद्रित होता है। अगरबत्ती और धूपबत्ती बनाने के लिए अलग-अलग जड़ी बूटियों और सुगंधित चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।