- राधा अष्टमी के बिना अधूर है जन्माष्टमी का व्रत
- राधा रानी के चमत्कारी मंत्रों का करें जाप
- इस विधि से करें पूजा
Radha Ashtami 2022 Date: भाद्रापद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। ज्योतिषियों का कहना है कि राधा अष्टमी के बिना श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत अधूरा समझा जाता है। इसलिए जन्माष्टमी की तरह राधा अष्टमी का त्योहार मनाना भी अनिवार्य है। ऐसा कहा जाता है कि राधा अष्टमी के दिन व्रत करने से पापों का नाश होता है। दांपत्य जीवन सुखी रहता है और विवाहत महिलाओं को सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। इस साल राधा अष्टमी का पर्व शनिवार, 04 सितंबर को रखा जाएगा।
राधा अष्टमी 2022 तिथि
राधा अष्टमी का व्रत भाद्र शुक्ल की अष्टमी तिथि को किया जाता है और इस साल अष्टमी तिथि शुक्रवार, 03 सितंबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से प्रारंभ होगी और शनिवार, 04 सितंबर 2022 को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगा। उदिय तिथि के कारण राधा अष्टमी का व्रत 04 सितंबर को ही रखा जाएगा। इस दिन राधा-कृष्ण की विधिवत पूजा बहुत फलदायी होती है.
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राधा अष्टमी की पूजन विधि
राधा अष्टमी के दिन सवेरे-सवेरे स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें और उनकी आराधना करते हु व्रत का संकल्प लें। राधा रानी की पूजा षोडशोपचार विधि से करें। देवी को फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। इनकी पूजा मध्याह्न में करना उत्तम मानी जाती है। यह व्रत दिन में एक बार फलाहार के साथ रखा जाता है। पूजा के बाद राधा रानी की आरती उतारें और कथा सुनें।
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राधा अष्टमी के मंत्र
राधा अष्टमी पर राधा रानी के मंत्रों का जाप करना बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन 11 या 21 माला मंत्र जाप कर सकते हैं। इस दिन सिद्धियों और मनचाहे वरदान की प्राप्ति के लिए राधा रानी के चमत्कारी मंत्र ''ऊं ह्नीं श्रीराधिकायै नम:'', ''ऊं ह्नीं श्रीराधायै स्वाहा'' का जाप कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)