- धार्मिक के साथ पर्यटन की दृष्टि से भी हो रही है अयोध्या की नई प्लानिंग
- अयोध्या के कायाकल्प पर खर्च होंगे 2000 करोड़ अधिक की राशि
- श्री राम की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने की है तैयारी, 2030 की प्लानिंग
अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखने के बाद अब इसे एक पर्यटन नगरी बनाने की योजना पर भी काम शुरू हो रहा है। इसके लिए यहां की सभी महत्वपूर्ण जगहों जैसे कि राम की पैड़ी, गुप्तार घाट, लक्ष्मण किला घाट, राजा दशरथ की समाधि आदि का जीर्णोद्धार किया जाएगा। ये सभी जगहें भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि राम मंदिर के बनने के साथ ही अगले 10 साल में अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 6 करोड़ हो जाएगी। बता दें कि राम मंदिर को भी इसी हिसाब से तैयार किया जा रहा है कि आने वाले कई वर्षों तक इसका वैभव बना रहे।
2000 हजार करोड़ का बन रहा है पैकेज
अयोध्या की साज संवार में विभिन्न विभागों ने मिलकर दो हजार करोड़ रुपये का पैकेज बनाया है। मौजूदा समय में पर्यटन विभाग की ओर से 258.12 करोड़ रुपये की लागत से कई काम पहले ही चल रहे हैं। इसके अलावा सभी प्रमुख प्रवेश मार्गों पर थीम बेस्ड गेट के निर्माण, परिक्रमा पथों के विकास, कुंड के जीर्णोद्धार, टूरिस्ट फैसिलिटेशन के निर्माण, पार्किंग, यात्री सुविधाओं और फूडकोर्ट के निर्माण आदि के लिए केंद्र सरकार को 200 करोड़ का प्रस्ताव भी विभाग की ओर से शीघ्र ही भेजा जाना है।
वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय होगी नई अयोध्या
फिलहाल अयोध्या में राम की पैड़ी के सुंदरीकरण, यहां के फसॉड इंप्रूवमेंट के सिविल कार्य, बहुउद्देशीय हाल, गुप्तार घाट और लक्ष्मण किला घाट और रामकथा का विस्तारीकरण, राजा दशरथ की समाधि के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है। पंच कोसी परिक्रमा पर परिक्रमा करने वालों के विश्राम के लिए जगह-जगह छाजन बनाने, मल्टी लेवेल कार पार्किंग, बस स्टैंड, क्ववीन-हो मेमोरियल का सुंदरीकरण और यात्री निवास के उच्चीकरण का काम जारी है। संस्कृति विभाग ने कल्चर वॉक की भी कार्ययोजना तैयार की है। वॉक सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक आयोजित की जाएंगी।
पर्यटकों के ठहरने के इंतजाम की भी योजना
मास्टर प्लान के तहत फिलहाल 639 एकड़ भूमि चयनित की गई है। वैदिक नगरों की तरह इसका ले-आउट धनुराकार होगा। इसे भगवान राम की प्रतिमा के पास से योजना के दूसरे हिस्सों और सड़कों को ऐसे जोड़ा जाएगा, जैसे सूर्य की किरणें निकल रही हों। 25 राज्यों के गेस्ट हाउस भी प्रस्तावित हैं। वहीं, दक्षिण कोरिया सहित 5 देशों के लिए भी जगह आरक्षित की जाएगी। 50 से अधिक भूखंड धार्मिक संप्रदायों, मठों, आश्रमों व धर्मशालाओं के लिए भी आवंटित किए जाएंगे। वहीं, पर्यटन विभाग रामायण सर्किट के तहत 200 करोड़ का प्रस्ताव जल्द केंद्र को भेजेगा।
बेहतर होगी अयोध्या पहुंचने की राह
पांच अगस्त को अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में राम मंदिर की नींव रखी। इस अद्भुत समारोह की गूंज पूरे विश्व में सुनाई दी। शिलान्यास कार्यक्रम के बाद राम मंदिर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ ली है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास की देखरेख में मंदिर का काम किया जा रहा है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के चहुमुंखी विकास की दिशा में काम शुरू कर दिया है। योगी सरकार अयोध्या की दिल्ली और लखनऊ से कनेक्टिविटी को बेहतर करने की दिशा में काम कर रही है। अयोध्या रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल, इन दोनों प्रोजेक्ट पर काम 2019 में ही शुरू हो गया था। इतना ही नहीं, हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंचने को सुगम बनाने के लिए यहां 600 एकड़ भूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी जारी है।