- दशकों बाद आज भी रामायण को लोग उतना ही पसंद कर रहे हैं
- रामायण के बारे में अब तक खूब लिखा पढ़ा और दिखाया गया है
- रामायण के बारे में कुछ अनकही बातें भी हैं जिन्हें आप जरूर जानना चाहेंगे।
लॉकडाउन पीरियड में एक बार फिर से एपिक सीरियल रामायण व महाभारत चर्चा के केंद्र में है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग अपने ही घरों के अंदर रहें इसके लिए दूरदर्शन जनता के लिए एक बार फिर से उनका पसंदीदा सीरियल लेकर आया है जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। दशकों पुराने इस टीवी सीरियल को लोग आज भी उतना ही प्यार दे रहे हैं और इसी वजह से इन सीरियलों की टीआरपी नंबर वन जा रही है।
आज हम यहां सीरियल रामायण की बात करेंगे। यूं तो आपने रामायण को लेकर कई कहानियां, बातें, चौपाई सुनी होंगी, धारावाहिक, फिल्में देखें होंगे, किताबें पढ़ी होंगी लेकिन आज हम यहां आपको रामायण से जुड़े कुछ ऐसी बातें बताना चाहेंगे जिसे शायद आप वाकिफ ना हों।
- वाल्मिकी के रामायण में राम को एक बेहतर इंसान बताया गया है जबकि राम चरित मानस में तुलसीदास ने उन्हें भगवान की संज्ञा दी है। हिंदू धर्म के लोग भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम की तरह पूजते हैं जिसका मतलब होता है एक परफेक्ट इंसान।
- रावण, भगवान शिव का भक्त था। भगवान को प्रसन्न करने के लिए उसने अपने सर का त्याग किया था। रावण के 10 सर थे और उसने 10 बार ऐसा किया। इसके बाद भगवान शिव प्रसन्न होकर रावण के सारे सर फिर से वापस जोड़ दिए।
- 14 सालों के वनवास में राम के भाई लक्ष्मण एक भी रात सोए नहीं ना ही उन्होंने अपनी पलकें झपकाईं। ऐसा उन्होंने राम व सीता की रक्षा करने के लिे किया था। वे गुडाकेश के नाम से जाने गए जिसका मतलब होता है जिन्होंने अपनी नींद त्याग दी हो। लक्ष्मण की जगह पर उनकी पत्नी उर्मिला 14 सालों तक रातों की नींद पूरी की। ऐसा करके उन्होंने अपनी और लक्ष्मण दोनों की नींद पूरी की।
- रामायण में हनुमान का एक बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने भगवान राम को सुरक्षित रखने के लिए अपने आप को सिंदूर से ढंक लिया था। यही कारण है कि उन्हें बजरंग बली कहा गया।
- सीता ने बचपन में ही भगवान शिव की धनुष तोड़ दी थी। यही कारण है कि उनके पिता राजा जनक ने सीता के स्वयंवर में आए राजा महाराजाओं और राजकुमारों से धनुष को तोड़ने की शर्त रखी थी। पूरे वनवास के दौरान सीता का नाम वैदेही थी।
- गिलहरी के पीठ पर तीन सफेद धारी भगवान राम का दिया हुआ है। एक बार भगवान राम ने गिलहरी के पीठ पर प्यार से अपना हाथ फेरा था उसी समय से उसकी पीठ पर इन धारियों के निशान है। कहा जाता है कि जब बंदरों ने जब राम सेतु का निर्माण शुरू किया था तब गिलहरी ने भी इस काम में उनकी मदद की थी। भगवान राम इससे काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने गिलहरी के पीठ पर अपना हाथ फेरा था।
- नंदी बैल ने रावण को श्राप दिया था कि उसका विनाश बंदरों के हाथों होगा और अंत में वही हुआ वानर सेना की मदद से राम ने रावण का वध किया था। वो किस्सा तो याद ही होगा जब हनुमान की अपनी पूंछ के बल पर रावण की पूरी लंका दहन कर दी थी।
- लक्ष्मण ने रावण के तीन बेटों मेघनाद, अतिकेय और प्रहस्त का वध किया था। रामायण में रावण के तीनों बेटों में सबसे अधिक वर्णन मेघनाद का मिलता है।
- भगवान राम को भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है तो लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार कहा जाता है। उनका फन भगवान विष्णु के सिर के ऊपर हमेशा विद्ममान रहता है।
- धन के देवता कुबेर ने अपने लिए लंका का निर्माण किया था लेकिन उन्हें अपनी ही भाई रावण ने लंका से बाहर निकाल दिया था।