- शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव की आंसुओं से उत्पन्न हुआ है
- भगवान शिव को अति प्रिय है रुद्राक्ष
- जानें रुद्राक्ष धारण करने के नियम
Rudraksha Ke Niyam: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है। इसे भगवान शिव के रूप में पूजा भी जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि यह भगवान शिव की आंखों से उत्पन्न हुआ है। कुछ लोग रुद्राक्ष को गले या हाथ में धारण करते हैं, तो कुछ लोग रुद्राक्ष से भगवान के नाम का जाप करते हैं। ऐसा कहा जाता है, जो व्यक्ति रुद्राक्ष को धारण करता है उस पर भगवान शिव की विशेष कृपा दृष्टि रहती है। रुद्राक्ष कई मुखी होते हैं। एक मुखी रुद्राक्ष बहुत ही शुभ माना जाता है। शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष पहनना तब शुभ माना होता है, जब आप उनके नियमों को अपनाते हुए उसे धारण करें। जी हां रुद्राक्ष को गलत तरीके से पहनने से जीवन में उसका खराब प्रभाव पड़ता है। यदि आप रुद्राक्ष धारण करने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को जरूर जान लेना चाहिए।
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जानें किन परिस्थितियों में धारण नहीं करना चाहिए रुद्राक्ष
1.धूम्रपान या मांसाहारी भोजन करते समय ना पहने रुद्राक्ष
मांसाहारी भोजन करते समय कभी भी रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए। यह न केवल रुद्राक्ष की पवित्रता का उल्लंघन करना माना जाता है,बल्कि ऐसा करने से आपके जीवन में परेशानियां आ सकती है।
2. सोने के समय ना पहने रुद्राक्ष
सोने के समय भूलकर भी रुद्राक्ष नहीं रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि सोने के बाद शरीर और अशुद्ध हो जाता है।
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3. अंतिम संस्कार में ना पहने रुद्राक्ष
शास्त्र के अनुसार अंतिम संस्कार में रुद्राक्ष पहनकर जाने से वह अशुद्ध हो जाता है। ऐसे समय में रुद्राक्ष को गले में धारण करने से आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
4. बच्चे के जन्म में ना पहने रुद्राक्ष
हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के बाद मां और बच्चा कुछ दिनों तक अपवित्र माना जाता है। ऐसे समय में आप कभी भी शिशु या मां के पास जाने से पहले रुद्राक्ष हटा लें या ऐसे समय में रुद्राक्ष धारण करने से परहेज करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)