- सावन मास में भगवान गणेश की पूजा-आराधना करने से शिव जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
- सावन बुधवार पर गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- पूजा के दौरान भगवान गणेश को लाल सिंदूर ता तिलक अवश्य लगाना चाहिए, इससे भक्तों पर कृपा बनी रहती है।
Sawan mein Ganesh ji ki puja: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, सावन माह भगवान शिव की पूजा-आराधना के लिए उत्तम माना गया है। भगवान शिव के साथ सावन मास में भगवान गणेश की पूजा करना भी लाभदायक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सावन मास में बुधवार तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इसके साथ भगवान गणेश भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन मास में प्रथम पूजनीय देवता यानि भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ लाभ प्राप्त होता है। भागवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि की प्राप्ति होती है।
यहां जानें, सावन मास में भगवान गणेश की पूजा कैसे करें।
सावन मास में कब-कब है बुधवार?
इस वर्ष सावन मास 25 जुलाई से प्रारंभ हो गया है जो 22 अगस्त को समाप्त होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, जुलाई के महीने में 28 जुलाई को सावन मास की बुधवार की पहली तिथि पड़ी थी। अब 04 अगस्त, 11 अगस्त और 18 अगस्त के दिन सावन मास के अगले बुधवार हैं।
सावन में ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा
सावन बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। अब घर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। आप गणेश मंदिर में भी गणपति बप्पा की पूजा कर सकते हैं। अब भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं। इसके बाद दूर्वा और शमी का पौधा भगवान गणेश को अर्पित करें। इस दिन भगवान गणेश को अक्षत अवश्य चढ़ाएं। अक्षत चढ़ाते समय उसे गीला कर लें। इसके साथ, इस दिन घी और गुड़ का भी भोग लगाएं। इसके बाद भगवान गणेश की कथा का श्रवण करें और आरती करें।