- सावन माह में शिवभक्ति से शिवमय हो जाता है कोटार नाथ मंदिर
- कोटार नाथ मंदिर में पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं होती है पूरी
- शिवजी के प्रसिद्ध मंदिरों में एक है कोटार नाथ मंदिर
Sawan 2022 Kotar nath Temple: सावन का महीना शिवजी की भक्ति-अराधना का माह का होता है। इस माह शिवभक्त भोलेनाथ की पूजा करने के लिए ऐतिहासिक और प्रचीन मंदिरों में शिवजी के दर्शन करने और जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। सावन के मौके पर केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ, बाबा विश्वनाथ, देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम जैसे मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को देखने को मिलती है। सावन के मौके पर भक्तों की भीड़ से ये स्थान शिवमय हो जाते हैं। शिवजी के कई महत्वपूर्ण और प्राचीन मंदिरों में एक है उत्तर प्रदेश का कोटार नाथ मंदिर। वैसे तो इस मंदिर में पूरे साल शिवजी की पूजा की जाती है। लेकिन सावन के मौके पर यहां शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। जानते हैं इस मंदिर की विशेषता के बारे में।
कहां है कोटार नाथ मंदिर?
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में मौजूद है प्रसिद्ध कोटार नाथ मंदिर। भगवान शिवजी की पूजा- करने के लिए दूर-दूर से लोग इस मंदिर में पहुंचते हैं। सावन के पावन महीने में तो अन्य शिवालयों की तरह यहां भी भक्तों की खूब भीड़ उमड़ती है। सावन में कावड़िये गंगाजल लेकर यहां पहुंचते हैं।
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गठबंधन करने से होती है मनोकामना पूरी
कोटार नाथ मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से यहां भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक करते हैं साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती का गठबंधन करते हैं, उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है।
बेलन नदी के बीच में है मंदिर
मिर्जापुर के सरहरा गांव में मौजूद भगवान भोलेनाथ का प्रसिद्ध कोटार नाथ मंदिर बेलन नदी के बीच में स्थित है। मंदिर में भगवान शिव की प्राचीन मूर्ति विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि सावन के पवित्र महीने में कोटार नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं पूरी होती है। मंदिर का दृश्य बेहद खूबसूरत है। मंदिर परिसर में भगवान शिव की मूर्ति के साथ ही भगवान गणेश, मां गौरी, हनुमनाजी और माता लक्ष्मी की प्रतिमा भी विराजमान है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)