- बेहद शुभ माना गया है सावन का प्रदोष व्रत।
- 25 जुलाई को पड़ रहा है सावन माह का पहला प्रदोष व्रत।
- प्रदोष व्रत पर जरूर करें भगवान शिव की पूजा-आराधना।
Sawan Pradosh Vrat 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं यानी हर माह दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। हर महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। वैसे तो साल भर में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अपना-अपना महत्व है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि श्रावण माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत बेहद विशेष होते हैं। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना है और इस महीने में प्रदोष व्रत रखने से भक्तों को दोगुना फल प्राप्त होता है। 2022 में सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो गया है। आज 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। यहां जानें, सावन का पहला प्रदोष व्रत कब पड़ रहा है और इस दिन कैसे पूजा की जाती है।
सावन का पहला प्रदोष व्रत कब और क्यों है ये खास?
सावन का पहला प्रदोष व्रत इस वर्ष 25 जुलाई को पड़ रहा है। इस वर्ष सावन का पहला प्रदोष व्रत सोमवार तिथि पर पड़ेगा, जिसकी वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। सावन के महीने में सोमवार के दिन पर प्रदोष व्रत पड़ने की वजह से इस दिन बेहद अद्भुत संयोग बन रहा है। ऐसे में इस दिन दान-पुण्य करने से और पूरे विधि-विधान से पूजा करने से फल कई गुना बढ़ जाता है। कहा जाता है कि यह शुभ संयोग अधिक शुभफलदाई साबित होता है।
सावन त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: जुलाई 2022 दोपहर 4:15
सावन त्रयोदशी तिथि समापन 26 जुलाई दोपहर 6:46
सावन सोम प्रदोष व्रत 2022 पर पूजा मुहूर्त: 25 जुलाई, सोमवार शाम 7:17 से रात 9:21 तक
सावन सोम प्रदोष व्रत 2022 पर कैसे करें पूजा?
सावन सोमवार प्रदोष व्रत पर प्रातः काल उठने के बाद नित्य क्रियाओं से निवृत्त हो जाएं और स्नान कर लें। अपने पूजा घर को साफ करने के बाद दीपक जलाएं और भगवान शिव के सामने व्रत का संकल्प लें। अब पूरे विधि अनुसार भगवान शिव की पूजा आराधना करें। इस दिन दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से पंचामृत बनाएं और भोलेनाथ का अभिषेक करें। पूजा में भोलेनाथ को उनका प्रिय बेलपत्र, धतूरा, भांग, नैवेद्य आदि अर्पित करें। इस दिन शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में कथा सुनने के बाद शिवजी की आरती जरूर करें।