- हथेली पर कुछ खास निशान बताते हैं मंगल की दशा
- मंगल बिगड़ने से दुर्घटनाओं का शिकार होता है इंसान
- आसान उपाय से दूर हो सकता है मंगल दोष
Mangal Dosh In Palmistry: हस्तरेखा विज्ञान में मंगल को बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है। हस्तरेखा में मंगल की स्थिति दो तरह से देखी जाती है। पहली आक्रामक मंगल और दूसरी रक्षात्मक मंगल। अंगूठे और लाइफ लाइन के बीच का हिस्सा आक्रामक मंगल का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि बुध और चन्द्र पर्वत के बीच वाला हिस्सा रक्षात्मक मंगल की स्थिति बताता है। इन दोनों जगहों को देखकर आप मंगल की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।
आक्रामक मंगल के बारे में क्या कहती हैं रेखाएं?
हस्तरेखा शास्त्र के विशेषज्ञों का कहना है कि आक्रामक मंगल का स्थान उभरा हुआ और हल्का लाल हो तो ऐसे लोगों में भरपूर साहस होता है। वहीं, अगर आक्रामक मंगल पर तारा मंगल दोष की निशानी होती है और ये दुर्घटनाओं की ओर इशारा करता है। इस स्थान पर क्रॉस का निशान संकट या आपदा का संकेत देता है। यहां लाइफ लाइन के बराबर कोई दूसरी रेखा हो तो इंसान बड़ी से बड़ी मुश्किल को लांघ जाता है।
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रक्षात्मक मंगल के बारे में क्या कहती हैं रेखाएं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, रक्षात्मक मंगल के स्थान पर यदि क्रॉस का निशान या कोई दाग-धब्बा हो तो ऐसे लोग हमेशा बीमारी की चपेट में रहते हैं। यदि यह स्थान ज्यादा उभरा दिखाई दे तो ऐसे लोग बड़ी जमीन-जायदाद के मालिक बनते हैं। यदि इस स्थान पर वर्ग हो तो ऐसे लोगों के दुश्मन ना के बराबर होते हैं।
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हस्तरेखा में मंगल खराब हो तो क्या करें?
हस्तरेखा में अगर आक्रामक मंगल की स्थित कमजोर दिखाई दे तो लाल मूंगा धारण करना उचित होता है। जबकि रक्षात्मक मंगल के कमजोर होने पर सफेद मूंगा पहनना चाहिए। यदि आप दोनों मामलों में राहत पाना चाहते हैं तो नारंगी मूंगा पहनना अच्छा होगा। साथ ही हमेशा ताम्बे के गिलास से पानी पीएं। कलाई पर लाल रंग का रक्षासूत्र बांधें और बुजुर्गों के चरणों को दोनों हाथों से स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)