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Surya Dev Ki Aarti: ॐ जय सूर्य भगवान के ह‍िंदी ल‍िर‍िक्‍स, इस आरती के साथ करें सूर्य देव को प्रसन्‍न

Updated Sep 19, 2021 | 10:57 IST

Surya Dev Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय सूर्य भगवान) : हिंदू धर्म में सूर्य देव की पूजा-आराधना करने से अक्षय फल मिलता है। यहां देखें सूर्य भगवान की आरती के ल‍िर‍िक्‍स ह‍िंदी में।

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भगवान सूर्य देवता की आरती
मुख्य बातें
  • रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है
  • सूर्य देव की पूजा आराधना करने से व्यक्ति सुख-समृद्धि प्राप्त करता है
  • सूर्य देव की आराधना में उनकी आरती भी शामिल रहती है

Surya Dev Ki Aarti Lyrics In Hindi, Om Jai Surya Bhagwan Aarti : हिंदू शास्त्र में सूर्य देव की आराधना बेहद लाभकारी मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार सच्चे मन से सूर्य देव की आराधना करने से भगवान भास्कर अपने भक्तों को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य भगवान सूर्य देव को नवग्रहों में प्रथम ग्रह और पिता के भाव कर्म के स्वामी के रूप में पूजा जाता हैं। ऐसी मान्‍यता है क‍ि भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना व्यक्ति को सेहतमंद बनाती है। उनकी पूजा में आरती गाने के ल‍िए यहां देखें ॐ जय सूर्य भगवान के ह‍िंदी ल‍िर‍िक्‍स। 

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ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
      ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
            ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
           ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
          ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
             ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
                ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
                ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
                  ।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
            धरत सब ही तव ध्यान,
            ।।ॐ जय सूर्य भगवान।।


सूर्य पूजा का महत्‍व, Surya Dev Pujan Significance 

शास्त्रों के अनुसार रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इस दिन सूर्य देवता की पूजा आराधना करने से व्यक्ति का भाग्य उदय होता है। रविवार के दिन सूर्य देव के भक्त सुबह-सुबह स्नान ध्यान करके भगवान की उपासना धूप, दीप और पुष्प चढ़ाकर करते हैं। सूर्य देव की प्रसन्नता से समस्त अशुभ कार्य शुभ में परिणित हो जाते हैं। 

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