- सूर्य ग्रहण के दौरान अपने ईष्ट देवता को जरूर याद करें
- सूर्यदेव के मंत्र का पाठ करते रहे, ताकि उनके प्रभाव से बचे रहें
- ग्रहण के दौरान भजन-कीर्तन और चालीसा का मन में पाठ करें
ग्रहण काल में सूतक लगता है और इस दौरान बहुत सी चीजें नहीं करने चाहिए। साथ ही कुछ उपाय भी ग्रहण के दौरान अपनाने जरूरी हैं, क्योंकि ग्रहण के दौरान पड़ने वाले प्रभाव कई बार जातकों के शुभ ग्रहों की चाल भी बदल देता है। वहीं कई बार ग्रहण कुछ जातकों के ऊपर बुरे प्रभाव भी डालता है। ऐसे में जरूरी है कि ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए कुछ आसान से उपाय किए जाएं। यहां कुछ उपाय आपको बता रहे हैं जो सूर्य ग्रहण के दिन करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के समय की जाने वाली ये पूजा और मंत्र पढ़ने से आपके ग्रहण के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
Surya Grahan ka Upay (सूर्य ग्रहण के उपाय)
- सूर्य ग्रहण के समय हर किसी को अपने इष्ट देवता को मन ही मन याद करना चाहिए और उनसे कुशल मंगल की कामना करनी चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय किसी भी ईश्वर के बीज मंत्र का जाप करें। इसके अलावा चालीसा पढ़ना और भजन कीर्तन करना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखें कि सब कुछ मन मे करें। भगवान की प्रतिमा को न छूएं।
- सूतक काल में स्नान करना जरूरी होता है। स्नान करने के बाद प्रभु उपासना करते रहें और जब ग्रहण खत्म हो जाए तो आप सर्वप्रथम एक बार फिर स्नान करें और तब देवताओं की मूर्तियों को गंगाजल छिड़ककर उन्हें शुद्ध करें।
- सूर्य ग्रहण काल के दौरान तुलसी के पौधे को न छूएं, बलकि ग्रहण शुरू होने से पहले तुलसी के पत्तों का बचे हुए खाने में डाल दें। इससे ग्रहण का प्रभाव बचे भोजन पर नहीं पड़ता। वहीं जब ग्रहण खत्म हो जाए तो तुलसी पर भी गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर दें।
- ग्रहण के दौरान आप दीपक जलाकर गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहें। ये जाप आपके संकटों को दूर कर देगा।
- सूर्य ग्रहण के सूतक लगने के बाद से ही भोजन करना, खाना पकाना, नहाना, शौच आदि या सोने का काम नहीं करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय सूर्य देव की की मन में आराधना जरूर करें। ऐसा करने से सूर्यदेवता आप पर अपन कृपा बनाए रखेंगे।
- सूर्य ग्रहण के समय “ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:” और “ऊँ घृणि: सूर्याय नम:” मंत्र का जाप करते रहें।
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद दान जरूर करना चाहिए। अपनी इच्छा शक्ति अनुसार जो कुछ आप जरूरत मंद को दान दे सकते हैं दें। ग्रहण काल में दान की चीजों को छू कर रख दे और ग्रहण समाप्त होने पर उसे दान कर दें। कोई घातु, गेहूं, गुड़, घी, लाल कपड़ा, लाल फूल, केशर, मूंगा, लाल गाय, लाल चंदन, तेजफल, गुलाबी पगड़ी, गुलाबी रंग के वस्त्र, खसखस, साठी के चावल, वस्त्र, लकड़ी की वस्तु आदि का दान किया जा सकता है।
- याद रखें जिस जातक की कुंडली में सूर्य उच्च हो तो उससे लाल वस्तुओं का दान नही करना चाहिए। ऐसे जातक अन्न, वस्त्र, फल, पीली मिठाई आदि का दान कर सकते हैं।
ग्रहण के दौरान किए गए ये आसान से उपाय आपको कई परेशानी और विपदाओं से बचा सकते हैं।