- साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 यानी आज लग रहा है।
- उपछाया ग्रहण होने के कारण इस ग्रहण का सूतक काल नहीं होगा मान्य।
- ग्रहण एक खगोलीय घटना है, इस दौरान ब्रह्मांड में कई अद्भुत घटनाएं होती हैं।
Surya Grahan or Solar Eclipse 2021 Date and Time in India : सनातन धर्म में ग्रहण का विशेष महत्व है। ज्योतिषशास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण को बहुत अशुभ घटना माना जाता है। 19 नवंबर को साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के 15 दिन बाद आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। वैज्ञानिक गणना के अनुसार ग्रहण एक खगोलीय घटना है। ग्रहण के दौरान ब्रह्मांड में कई अद्भुत घटनाएं घटित होती हैं, वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण में देवतागण संकट में होते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है यानि जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है तो इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। साल का आखिरी और दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021, शनिवार यानी आज लगने जा रहा है। यह अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका में दिखाई देगा। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कब लग रहा है, इस दौरान क्या करें और क्या ना करें।
कब लग रहा है दिसंबर 2021 में सूर्य ग्रहण (When Is The Last Solar Esclipse Of 2021)
हिंदू पंचांग के अनुसार साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण आज सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 3 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा। यानि ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 06 मिनट होगी। हालांकि भारत में यह उपछाया ग्रहण होगा इसलिए इस दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा। बता दें सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लगता है, लेकिन उपछाया ग्रहण होने के कारण इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। ज्योतिष में पूर्ण ग्रहण होने पर ही सूतक काल मान्य होता है।
किस राशि में लगेगा सूर्य ग्रहण
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लग रहा है। ऐसे में इस राशि के जातक अधिक सावधान रहें, इस राशि के लोगों पर ग्रहण का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। ग्रहण काल के दौरान कोशिश करें कि एकांत जगह में बैठकर भगवान के मंत्रों का जाप करें।
ग्रहण काल में क्या ना करें
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ग्रहण काल में यात्रा करना और सोना वर्जित माना जाता है। तथा इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में देवतागण संकट में होते हैं इसलिए घर में मंदिर के कपाट बंद कर दें और ना ही पूजा करें।
सूतक काल लगने के बाद घर में ना तो भोजन पकाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए, शास्त्रों के अनुसार रसोई में रखे खाने की चीजों में तुलसी का पत्ता डालकर रख दें। साथ ही गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए। हालांकि उपछाया ग्रहण होने के कारण इस दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा, लेकिन इन सभी बातों का ध्यान रखें।
ग्रहण काल में क्या करें
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर गंगाजल से पूरे घर को स्वच्छ करें और मंदिर को साफ कर देवी देवताओं को स्नान करवाएं। तथा ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए दान आदि करें।