- टोकन से होंगे भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन
- रोजाना 3000 श्रद्धालुओं को मिलेगा टोकन
- भूदेवी परिसर से टोकन लेकर कर सकेंगे दर्शन
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद भक्तों के लिए तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए द्वार खोल दिए गए हैं। जो तिरुपति बाला जी महाराज के दर्शन करना चाहते थे उनके लिए एक अच्छी खबर है। ‘तिरुमाला तिरुपति देवास्थानम अथॉरिटी’ ने भूदेवी परिसर से तिरुपति बाला जी के दर्शन के लिए मुफ्त में टोकन जारी करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है जिसके अनुसार हर दिन लगभग 3000 टोकन जारी किए जाएंगे और भक्त टोकन प्राप्त कर भगवान वेंकटेश्वरनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
कोरोना जैसी व्यापक महामारी को देखते हुए मार्च के पहले सप्ताह में लॉकडाउन के तुरंत बाद अधिकारियों ने मुफ्त टोकन जारी करना बंद कर दिया था। उसके बाद अनलॉक-1 के दौरान और लॉकडाउन में रियायत मिलने के बाद मंदिर प्रबंधन समिति ने कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सीमित संख्या में भक्तों के लिए द्वार फिर से खोल दिया था।
रोजाना 3000 श्रद्धालुओं को मिलेगा टोकन
हालांकि इसके बाद भी कोविड-19 मामलों में लगातार बढ़ रहे थे इसको ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को मुफ्त टोकन वितरित करने की अनुमति नहीं दी गई थी। वेंकटेश्वरनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं अपने दर्शन ऑनलाइन शुल्क जमाकर बुक करना होता था और सीमित संख्या में कोविड-19 के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए उन्हें ही अनुमति दी जाती थी। लेकिन अब भक्त तिरुमाला तिरुपति अथॉरियटी द्वारा भूदेवी परिसर से टोकन लेकर तिरूपति बालाजी महाराज के दर्शन कर सकेंगे।
भूदेवी परिसर से टोकन लेकर कर सकेंगे दर्शन
तिरुपति बालाजी महाराज के दर्शन के लिए आस लगाए बैठे भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। भक्त अब तिरुमाला तिरुपति अथॉरियटी द्वारा भूदेवी परिसर से मुफ्त टोकन प्राप्त कर तिरुपति बाला जी महाराज के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर रोजाना 3000 टोकन वितरित किए जाएंगे।
वेंकटेश्वर नाथ मंदिर की कुछ खास बातें
आंध्र प्रदेश की चित्तूर जिले में तिरुमाला पहाडियों पर स्थित तिरुपति बाला जी का प्राचीन मंदिर है।यह तिरुपति का सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है। भक्तों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था जुड़ी हुई है। इस मंदिर को श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। तिरुपति बालाजी भगवान विष्णु का ही रूप थे, इसलिए उनका यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को ही समर्पित है। मंदिर को लैकर पौराणिक मान्यता यह है कि यहां पर सच्चे मन से मांगी गई भक्तों की मुराद जरूर पूरी होती है।