नई दिल्ली. भारत में लोग किसी भी शुभ कार्य से पहले गृह शांति के लिए हवन करवाना शुभ मानते हैं। वहीं, हवन के दौरान ज्यादातर आम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में फ्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की, जिसमें उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि आखिर हवन में आम की लकड़ियों का ही प्रयोग क्यों किया जाता है?
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रोकता है टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग
रिसर्च के मुताबिक आम की लकड़ी जलती है तो फॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है। जो कि खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है। इसके अलावा इससे वातावरण शुद्ध रहता है। इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस और इसे बनाने का तरीका पता चला। वहीं, साइंटिस्ट टौटीक ने हवन पर की गयी रिसर्च में पाया कि यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाए इसके धुएं से टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फैलानेवाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है।
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हिंदू धर्म में इन खास अवसरों पर हवन किए जाने की परंपरा है
गृह शांति या नई जगह प्रवेश
भारत में लोग किसी भी नए स्थान पर प्रवेश करने से पहले गृह शांति करवाना शुभ मानते हैं। इसलिए यहां जब भी कोई व्यक्ति नया ऑफिस, दुकान या फिर नया घर खरीदता है तो उसमें प्रवेश करने से पहले हवन किया जाता है ताकि उस जगह का शुद्धिकरण कर नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सके।
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बच्चे के जन्म, विवाह और मृत्यु
परिवार में बच्चा पैदा होने पर ग्रहों की शांति के लिए हवन किया जाता है ताकि उस बच्चे के जीवन में किसी प्रकार की बाधाएं ना आएं। हिन्दू धर्म में शादी-विवाह हवन के माध्यम से पूर्ण किए जाते हैं। अग्नि के 7 फेरे लेकर शादी के बंधन को पवित्र किया जाता है। वही, अगर किसी परिवार में कोई मृत्यु हो जाए तो उस मृत व्यक्ति की आत्मा की शांति के लिए हवन किया जाता है।
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