- पिता पुत्र के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण है घर का वास्तु दोष।
- पिता-पुत्र के बीच मनमुटाव की वजह कुछ भी हो सकती है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बिजली के उपकरणों की दिशा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
Vastu Tips For father and son: जीवन में सबसे मजबूत रिश्ता एक पिता का अपने पुत्र से होता है। यह दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता माना जाता है। यह रिश्ता एक दोस्त की तरह होता है जिसमें हंसी मजाक भी होता है और कई बार मनमुटाव भी होता है, लेकिन जब छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव होना शुरू हो जाए तो रिश्ता खराब होने लगता है और इसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है।
पिता और पुत्र के मनमुटाव की वजह कुछ भी हो सकती है कभी विचारों में भिन्नता होती है, तो कभी जनरेशन गैप की वजह एक दूसरे के साथ तालमेल नहीं बैठ पाता। इसके अलावा वास्तु के अनुसार भी कई वजह हो सकती है। कई बार घर में वास्तु दोष होने की वजह से ऐसी समस्या होती है। ऐसे में वास्तु में दिए गए कुछ उपायों को करके संबंधों को मधुर और मजबूत बनाया जा सकता है।
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इस दिशा को रखें साफ
वास्तु शास्त्र के अनुसार पिता पुत्र के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण है घर के उत्तरी पूर्वी कोने का गंदा होना। ऐसी मान्यता है कि घर के उत्तरी पूर्वी कोने को हमेशा साफ करके रखना चाहिए। इन जगहों का गंदा होने की वजह से घर में वास्तु दोष रहता है। जिस वजह से पिता पुत्र के बीच झगड़े होते हैं। इन झगड़ों से छुटकारा पाने के लिए उत्तरी पूर्व दिशा को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। इन दिशा में कभी भी कूड़ा दान नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में सदस्यों के बीच मनमुटाव होता है।
बिजली के उपकरणों की दिशा
इसके अलावा वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बिजली के उपकरणों की दिशा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। इन उपकरणों को उत्तरी पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए। ऐसा होने से पिता और संतान के बीच रिश्तों में मनमुटाव आ जाता है। इसके अलावा परिवार के सदस्यों में भी रिश्ते कमजोर होने लगते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)