प्रेम ही पूजा है। प्रेम के बिना इस सृष्टि की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। प्रेम विवाह सबसे आदर्श विवाह है। आजकल युवा प्यार की परिणती विवाह में खूब कर रहे हैं। प्रेम विवाह सफल हो तो जीवन आनन्द के आगोश में डूब जाता है। जमीन और आकाश आपके ही लगते हैं। चांद सितारे आपके दामन में रहते हैं।
मगर उस वक्त कितना कष्ट होता है जब यह विवाह टूटने के कगार पर पहुंच जाता है। दिल टूटने पर पूरी दुनिया ही बेकार लगती है। आइए इस प्रेम की बुनियाद को बचाएं। पति और पत्नी के बीच विश्वास और समर्पण रुपी नींव के पत्थर हों तो वैवाहिक सुख अमर होता है। तो अगर आपका भी प्रेम विवाह हुआ है और वह टूटने की कगार पर है तो यहां आजमाएं कुछ उपाय...
प्रेम विवाह बचाने के वास्तु टिप्स
1. प्रेम का कारक ग्रह शुक्र होता है। सुगंध का वातावरण घर में हो। स्वच्छता विद्यमान हो। बेड रूम में प्यार करने वाले जोड़ों की तस्वीरें हो। ब्लू लाइट हो।
2. ईशान यानी उत्तर पूर्व दिशा में मंदिर हो। मंदिर में राधा कृष्ण की मूर्ति अवश्य हो।
3. घर के नार्थ का वेट कम और साउथ का ज्यादा हो।
4. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बेड रूम में एक ही गद्दा हो। एक ही गद्दे पर पति पत्नी के सोने से प्रेम बढ़ता है और दाम्पत्य जीवन आनन्द दायक रहता है।
5. बेड रूम में दर्पण प्रेम का शत्रु होता है। कभी भी बेड रूम में अपनी तस्वीर आईने में नहीं दिखनी चाहिए। अतः उस कमरे से दर्पण हटा दें।
6. कुंडली में सातवें घर के स्वामी ग्रहों का रत्न अपने बेड के सिरहाने अष्ट धातु में मढ़वाकर रखें।
7. आग्नेय दिशा में जल सम्बन्धी कोई व्यवस्था ना हो।
8. पत्नी को पति के बायीं ओर सोना चाहिए। बेड रूम सुगंध से नहाया हुआ हो। घर के खाली जगह में सुगंधित रात रानी या चमेली के पेड़ हों जिसकी खुशबू बेड रूम तक आती हो।
9. घर में कहीं भी युद्ध की तस्वीर ना हो।
10. पिंक और ब्लू कलर के बेड शीट प्रेम में चुम्बकत्व उत्पन्न करते हैं।
11. पति पत्नी एक साथ रसोई में नीचे बैठकर भोजन करें।
इस प्रकार यदि इतनी बातों के साथ साथ शुक्र का रत्न ओपल धारण करें और सातवें घर के स्वामी का उपाय करते रहें तो आपका प्रेम विवाह सफल रहेगा।
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