- वट सावित्री के दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं
- वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ का काफी महत्व होता है
- इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा विधि-विधान से सुहागन महिलाएं करती हैं
Vat Savitri Vrat Mei Kya Khaye: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का काफी महत्व होता है। वट सावित्री का व्रत जेष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पड़ता है। इस साल वट सावित्री का व्रत 30 मई को रखा जाएगा। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ का काफी महत्व होता है। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा विधि-विधान से सुहागन महिलाएं करती हैं। शास्त्रों के मुताबिक बरगद के पेड़ की पूजा करने से लंबी आयु, सुख समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान का जीवन यमराज से वापस मांगा था। तभी से सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके वट वृक्ष की 12 व 108 बार परिक्रमा करती है। आइए जानते हैं वट सावित्री से जुड़ी विशेष बातें..
क्या खाएं वट सावित्री के दिन
वट सावित्री के दिन चने का विशेष महत्व होता है । इस दिन भिगोए हुए 11 व 21 चने बिना चबाएं खा लेना चाहिए। वट सावित्री के व्रत के दिन आम, चना, पूरी, तरबूज, गुलगुला व पुआ इन चीजों का सेवन वट वृक्ष की पूजा करने के बाद करना चाहिए और यह सारी चीज पूजा करते वक्त भी वट वृक्ष को चढ़ाना चाहिए।
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खरबूजा का करें सेवन
वट सावित्री के व्रत में खरबूजे का सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि खरबूजे का वट सावित्री व्रत में बहुत अधिक महत्व होता है। पूजा खत्म होने के बाद व्रत रखने वाली महिलाएं खरबूजा का सेवन जरूर करना चाहिए।
आम का मुरब्बा
वट सावित्री व्रत में आम के मुरब्बे का सेवन भी जरूर खाना चाहिए। आम का मुरब्बे बनाने के लिए आम , चीनी , या गुड का इस्तेमाल कर सकती हैं। आपको कच्चे आम को उबाल लेना है और इसका मुरब्बा तैयार कर लेना है पूजा के बाद इसका सेवन किया जा सकता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)