- सनातन धर्म में चंदन का तिलक लगाना माना गया है अत्यंत लाभदायक, सेहत के लिए भी है हितकारी।
- चंदन के तिलक से ध्यान शक्ति होती है दृढ़, एकाग्रता शक्ति में भी होती है वृद्धि।
- अजना चक्र पर चंदन का तिलक लगाने से तंत्रिकाएं होती हैं शांत, सिर दर्द से भी मिलता है छुटकारा।
Chandan Tilak: सनातन धर्म में माथे पर तिलक लगाना अत्यंत लाभदायक माना गया है। माथे पर तिलक लगाने के कई महत्व हिंदू धर्म शास्त्रों में उल्लेखित हैं। हिंदू धर्मावलंबी सामान्य दिनों तथा किसी विशेष पर्व पर तरह-तरह के तिलक का प्रयोग करते हैं जिनमें से एक चंदन का तिलक है। कहा जाता है कि चंदन के तिलक का उपयोग करने से सेहत में वृद्धि होती है।
मानसिक स्वास्थ्य तथा शारीरिक स्वास्थ्य के लिए चंदन का तिलक उत्तम माना गया है। हिंदू धर्मावलंबी अक्सर अजना चक्र में तिलक लगाते हैं। यह चक्र ऊर्जा का स्त्रोत कहा गया है। मान्यताओं के अनुसार इसे योगिक विज्ञान और हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, तीसरी आंख कहा गया है जिसमें शक्ति समाहित है। यहां चंदन के तिलक का प्रयोग करने से स्वास्थ्य बना रहता है।
एकाग्र शक्ति होती है दृढ़
कई ज्ञानी ज्योतिष बताते हैं कि अजना चक्र में चंदन का तिलक लगाने से एकाग्र शक्ति में वृद्धि होती है तथा ध्यान करने की शक्ति भी दृढ़ होती है। ऐसा करने से हमारा मस्तिष्क और शरीर शांत रहता है तथा शरीर में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है।
चाइनीज एक्यूप्रेशर विज्ञान के अनुसार, दोनों भौंहों के बीच में चंदन का तिलक लगाने से सिर दर्द की समस्या से राहत मिलती है। दरअसल चंदन के तिलक से हमारी तंत्रिकाएं शांत होती हैं जिससे सिर दर्द की समस्या दूर हो जाती है।
बुखार से दिलाता है राहत
अगर आपके किसी प्रिय व्यक्ति को बुखार है तो उसे चंदन का तिलक लगाएं। चंदन का तिलक लगाने से शरीर का तापमान कम होता है जिससे बुखार की समस्या से राहत मिलती है।
अनिद्रा और स्ट्रेस जैसी समस्या होती है दूर
जिन लोगों को अनिद्रा और स्ट्रेस की समस्या हमेशा रहती है उन्हें अजना चक्र पर मसाज करना चाहिए और चंदन का टीका लगाना चाहिए। ऐसा करने से अनिद्रा और स्ट्रेस जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
शारीरिक तापमान को रखता है नियंत्रित
चंदन अपने कूलिंग प्रॉपर्टी के लिए प्रख्यात है। यह हमारी त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। भारत जैसे ट्रॉपिकल देश में रहने वाले लोगों को अपने अजना चक्र में चंदन का तिलक लगाना चाहिए। ऐसा करने से शारीरिक तापमान कम रहता है और शरीर की विभिन्न तंत्रिकाएं सेहतमंद रहती हैं।