- चातुर्मास में सभी को जमीन पर सोना चाहिए
- चातुर्मास में पित्तवर्धक भोजन से दूर रहना चाहिए
- चातुर्मास में पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करनी चाहिए
हिंदू धर्म में व्रत, भक्ति और धार्मिक कार्य के चार महीने ही 'चातुर्मास' के नाम से जाने जाते हैं। इन चार महीनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं होते, लेकिन भक्ति और ईश्वर आराधना से जुड़े काम अधिक से अधिक किए जाते हैं। देवशयनी एकादशी से प्रारंभ ये चातुर्मास कार्तिक मास के देवउठनी एकादशी तक चलता है। इन चार महीनों में ऋतु परिवर्तन भी होता है। इस कारण खान-पान से लेकर सेहत और धार्मिक लिहाज से ये चार महीने बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। चातुर्मास में किन नियमों को पालन करना चाहिए और किन चीजों का त्याग, यह जानना जरूरी है।
ऋतु परिवर्तन होने के कारण चार महीनों में कभी वर्षा अधिक होती है, कभी तपन तो कभी नमी के कारण मच्छर-मक्खियों का प्रकोप भी बढ़ता है। पाचन शक्ति इन महीनों में कमजोर होती है और कफ के साथ पित्त की समस्या भी बढ़ती है। सेहत का ध्यान इन महीनों में बहुत रखने की जरूरत होती है।
Chaturmas 2020 Start and End Dates
इन्हीं महीनों में प्रमुख त्योहार और व्रत भी आते हैं। इसलिए धार्मिक लिहाज से भी चातुर्मास बहुत महत्वपूर्ण होता है। ये 1 जुलाई 2020 से शुरू हो रहा है। इन चार मास में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक महीना आता है। चातुर्मास के प्रारंभ को 'देवशयनी एकादशी' कहा जाता है और अंत 'देवोत्थान एकादशी' होती है।
Chaturmas 2020 Dos and Don'ts : चातुर्मास से इन नियमों का करें पालन
- चातुर्मास में भगवान विष्णु चार महीने के लिए निंद्रा अवस्था में चले जाते हैं। ऐसे में मनुष्य को अपने शयन के नियम भी बदलने चाहिए। चातुर्मास में जमीन पर सोना चाहिए और सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए। स्नान आदि करके कुछ देर मौन रहें और फिर इश्वर की पूजा करें।
- चातुर्मास में दूध, शक्कर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन या मसालेदार भोजन, मिठाई, सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं श्रावण मास में हरी पत्तेदार सब्जियां यथा पालक, साग का सेवन करने से बचना चाहिए। भाद्रपद महीने में दही और आश्विन महीने में दूध का सेवन न करें। कार्तिक में प्याज, लहसुन और उड़द की दाल त्याग करना चाहिए। ऐसा करना सेहत के लिए बहुत अच्छा माना गया है।
- चातुर्मास में विवाह संस्कार, जातकर्म संस्कार, गृह प्रवेश आदि कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से अमंगल होता है।
Chaturmas 2020 Dos and Don'ts: चातुर्मास में क्या जरूर करें
- चातुर्मास में पीपल के वृक्ष की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए। इससे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। वहीं शाम के समय दीपदान करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा करते समय मन में उनका स्मरण करें। चरणामृत चढ़ाएं और इसका पान करें। ऐसा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
- तीनों समय 108 बार गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए अथवा गायत्री मंत्र के साथ तिल का होम करें। प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इससे आरोग्य, लंबी आयु, कीर्ति, धन और बल की प्राप्ति होती है।
- चातुर्मास में भगवान शिव और विष्णु के मंदिरों में जाकर जागरण और शिव गान करना चाहिए।
- चातुर्मास में ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराना चाहिए। शिवजी की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। वहीं सूर्य और गणेशजी का पूजन करने से उत्तम गति मिलती है।
- चातुर्मास में एक समय भोजन करना चाहिए। और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
चातुर्मास में नियमों के अनुसार जीवन यापन करना मनुष्य को उत्तम स्वास्थ्य ही नहीं सुख और वैभव की भी प्राप्ति कराता है।