- 25 मई से 8 जून तक सूर्य रहेगा रोहिणी नक्षत्र में, शुरुआती पांच दिन भीषण गर्मी के संकेत।
- मौसम विभाग के अनुसार 22 मई तक रहेगा तूफान का वातावरण पर असर।
- नौतपा के दौरान गर्मी जितनी भीषण होगी बारिश भी उतनी अच्छी होती है, इस बार अच्छी बारिश के आसार।
Nautapa 2021 : गुजरात तट पर आए ताउते तूफान से वातावरण में थोड़ी ठंडक बढ़ी है, लेकिन आपको बता दें ये ठंडक जल्द ही उमस में तबदील हो सकती है। जी हां 25 मई से नौतपा लगने वाला है, इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा। जिससे सूर्य की गर्मी का तप धरती पर बढ़ता है, नौतपा के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 24 मई की रात्रि में प्रवेश करेगा और 8 जून तक रहेगा। नौतपा से पहले तूफान के कारण वातावरण में ठंडक ने यह इशारा कर दिया है कि आने वाले दिनों में भीषण गर्मी के साथ उमस होने वाली है। मौसम विभाग की मानें तो तूफान का वातावरण पर असर केवल 22 मई तक रहेगा। वहीं ज्योतिषाशास्त्र के मुताबिक नौतपा के शुरुआती पांच दिन तक तापमान दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में लोगों को तेज धूप, भीषण गर्मी और लू का सामना करना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि नौतपा लगने के बाद मौसम का हाल क्या होगा।
क्या है नौतपा
नौतपा यानि सूर्य जब उच्च ताप पर होता है, इन नौ दिनों तक मौसम का मिजाज तल्ख होता है। गर्मी अपना विकराल रूप धारण कर लेती है तथा तेज धूप और लू अपना प्रचंड रूप ले लेते हैं। रोहिंणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश करने को नौतपा कहते हैं, इस दौरान सूर्य सबसे अधिक बलवान रहता है, जिससे भीषण गर्मी पड़ती है। हालांकि सूर्य रोहिंणी नक्षत्र में 15 दिन तक लगता है, लेकिन शुरुआती नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है। मौसम विभाग के अनुसार इन नौ दिनों में धरती जितनी ज्यादा गर्म रहती है उतनी अच्छी बारिश होने की संभावना होती है। ज्योतिषशासत्र के मुताबिक इस बार भीषण गर्मी के संकेत दिए जा रहे हैं, जिससे अच्छी बारिश होने की संभावना है।
नौतपा क्यों लगता
सूर्य तप का प्रतीक माना जाता है और चंद्रमा को ठंडक यानि शीतलता प्रदान करने वाला कहा जाता है। ज्योतिषाशात्र के अनुसार सूर्य 12 राशियों और 27 नक्षत्रों में प्रवेश करता है। तथा सूर्य कुंडली में जिस भी ग्रह के साथ बैठता है उसके प्रभाव को खत्म कर देता है। आपको बता दें रोहिंणी नक्षत्र का अधिपति चंद्रमा होता है, ऐसे में सूर्य जब रोहिंणी नक्षत्र में प्रवेश करता है तो वह चंद्रमा की शीतलता को समाप्त कर देता है और अपने तप को बढ़ा देता है। जिससे पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं होती और धरती पर सूर्य के तप के कारण गर्मी अपना प्रचंड रूप धारण कर लेती है।
नौतपा का बारिश से संबंध
ज्योतिष विज्ञान की मानें तो नौतपा का बारिश से सीधा संबंध होता है। नौतपा के दौरान गर्मी जितनी भीषण होगी बारिश भी उतनी ही अच्छी होगी। नौतपा में सूर्य की तेज किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, जिससे धरती का तापमान तेजी से बढ़ जाता है। अधिक गर्मी पड़ने के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाता है, जिससे समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं। जिसके परिणामस्वरूप अच्छी बारिश की संभावना होती है।