- कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मां पार्वती की अहोई माता के रूप में पूजा।
- माताएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और पार्वती माता पार्वती की पूजा करती हैं पूजा।
- शास्त्र के अनुसार इस दिन निकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
Ahoi Ashtami 2021 Arti Lyrics in Hindi: अहोई अष्टमी व्रत हर साल करवा चौथ के 3 दिन बाद मनाया जाता हैं। इस साल यह 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाऊई जाएगी। यह व्रत सुहागिन महिलाएं और माताएं पुत्र की लंबी आयु एंव संतान प्राप्ति के लिए निर्जला रहकर करती हैं। इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती हैं।
शास्त्र के अनुसार किस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को किसी भी नुकीली चीजों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहता है। इस दिन नुकीले चीजों का इस्तेमाल करने से जीव को हानि पहुंचती है।
यह व्रत यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थानस और मध्यप्रदेश में काफी मानाया जाता हैं। यदि आप भी अहोई माता की पूजा करना चाहती है या करती है, तो यहां आप उनकी आरती शुद्ध-शुद्ध देखकर पढ़ सकती हैं।
अहोई माता की आरती
जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता॥
॥ जय अहोई माता॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता॥
॥ जय अहोई माता॥
माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता॥
॥ जय अहोई माता॥
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता॥
॥ जय अहोई माता॥
जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता॥
॥ जय अहोई माता॥
तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभवतुम बिन नहीं आता॥
॥ जय अहोई माता॥
शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकूकोई नहीं पात॥
॥ जय अहोई माता॥
श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजेपाप उतर जाता॥
जय अहोई माता, जय अहोई माता।