- मां सरस्वती की आराधना में सफेद फूल व चंदन प्रयोग करें
- वसंत पंचमी के दिन मां को केसरिया खीर का भोग लगाएं
- मां सरस्वती की आरती करने के बाद ही पूजा परिपूर्ण होती है
मां सरस्वती कला-सृजन और संगीत की भी देवी हैं। इस दिन मां की पूजा इंसान को सारे ही गुण से परिपूर्ण बनाता है। इस बार वसंत पंचमी पर बसर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग बन रहा है जो परिणय सूत्र यानी विवाह के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन विद्या आरंभ करने का भी दिन होता है।
शिशु को पहली बार इसी दिन कलम पकड़ा कर ऊं शब्द लिखना बेहद शुभकारी होता है। इस दिन सारे ही शुभ कार्य किए जाते हैं। वसंत पंचमी बुधवार सुबह 10.45 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 30 जनवरी गुरुवार दोपहर 1.20 बजे तक रहेगी। इस दिन मां की विधिवत पूजा करने के साथ उनकी आरती जरूर करनी चाहिए।
मां सरस्वती की आराधना करते समय यह श्लोक जरूर पढ़ें
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।। वन्दे भक्तया वन्दिता च...
मां सरस्वती की आरती
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय.....
चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ जय.....
बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ जय.....
देवी शरण जो आएं, उनका उद्धार किया।
पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ जय.....
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह, अज्ञान, तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय.....
धूप, दीप, फल, मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञानचक्षु दे माता, जग निस्तार करो ॥ जय.....
मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें।
हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ती पावें ॥ जय.....
जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय.....
ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता ।
सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय...
सरलतम विधि से करें मां की पूजा
सुबह स्नान करने के बाद मां सरस्वती के चरणों को छू कर पूजा का संकल्प लें। लेकिन इससे पहले गणपति जी की पूजा जरूर कर लें। स्कंद पुराण के अनुसार सफेद फूल, चन्दन, और वस्त्र मां को बेहद प्रिय होते हैं। मां की पूजा शुरू करने से पहले उनका श्रृंगार करें और सिंदूर लगाएं। इसके बाद फूल माला और वस्त्र चढ़ाएं।
मां की पूजा में वाद्य यंत्र, अध्ययन से जुड़ी चीजें जैसे कलम, किताब, नोटबुक आदि रखकर भी पूजा करनी चहिए। इससे आप अपने क्षेत्र में अव्वल होंगे। इस दिन मां की पूजा में आम की मंजरी और मोरपंख चढ़ाने का भी शुभ फल मिलता है। घर पर रंगोली सजाएं और संध्या के समय दीप जलाएं। प्रसाद में मां को केसरिया खीर चढ़ाएं। इसके बाद मां शारदा की आरती करें।