- भाई दूज का त्योहार 6 नवंबर को मनाया जाएगा।
- इस दिन बहन भाई की लंबी आयु की कामना करती है।
- भाई दूज के दिन यम देवता की पूजा की जाती है।
Bhai dooj ki Aarti: हिंदू पंचांग में भाई दूज का त्योहार हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 6 नवंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन भाई की लंबी आयु के लिए उनके सिर पर तिलक करके मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करती हैं।
मान्यता है, कि इस दिन जो बहन अपने भाई के सिर पर तिलक लगाकर उनका स्वागत अपने घर में करती है, उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। शास्त्र के अनुसार इसी दिन यम देवता अपनी बहन यमुना के घर तिलक लगाकर भोजन किए थे। भाई दूज के दिन बहन के घर भोजन करने से अनेकों फल की प्राप्ति होती है। भारत में भाई दूज का त्योहार कई तरह से मनाया जाता है। कुछ राज्यों में इस दिन बहन भाई का हाथ पूजती है, तो कुछ जगहों पर बजड़ी कूट कर।
यदि आप भी भाई दूज का त्योहार मनाती हैं, तो यमुना माता को प्रसन्न करने के लिए इस आरती को जरूर पढ़ें। इस आरती को पढ़ने से यमुना माता बहुत जल्द प्रसन्न हो जाती हैं। यहां आप भाई दूज की विशेष आरती देखकर शुद्ध-शुद्ध पढ़ सकते हैं।
भाई दूज की स्पेशल आरती (Bhai Dooj Special Aarti)
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन 'बेचैन' भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।