- घर में सुख-समृद्धि और वृद्धि पाने के लिए मां लक्ष्मी की उपासना करना बेहद लाभकारी।
- शुक्रवार और दिवाली जैसे पर्वों पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ की होती है प्राप्ति।
- मां लक्ष्मी की सच्चे हृदय से पूजा करने से आर्थिक तंगी से मिलती है मुक्ति।
Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी ना किसी भगवान के नाम पर होते है। साथ ही दिवाली जैसे कई अहम पर्व भी अलग अलग देवताओं को समर्पित हैं। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का दिन होता है। ऐसी मान्यता है, इस दिन मां लक्ष्मी की सच्चे हृदय से पूजा करने से घर में धन की बारिश होती है। शास्त्रों के अनुसार जिस घर में प्रतिदिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है, उस घर में मां लक्ष्मी हमेशा निवास करती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर की नकारात्मक शक्तियां हमेशा के लिए खत्म हो जाती है। धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना के साथ आरती जिस घर में सुबह-शाम होती है, उस घर में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती हैं। मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना आर्थिक तंगी को खत्म कर देती है। सच्चे हृदय से की गई पूजा से माता प्रसन्न होकर भक्तों को धन के साथ सौभाग्य भी प्रदान करती हैं।
जो व्यक्ति आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हो, वैसे व्यक्ति अगर मां लक्ष्मी के शरण में जाकर उनकी पूजा-अर्चना और आरती रोजाना करें, तो मां प्रसन्न होकर उसके सभी कष्टों को शीघ्र हर लेती हैं। यदि आप मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि अपने ऊपर बनाएं रखना चाहते हैं, तो अपने घर में रोजाना मां लक्ष्मी की आरती जरूर करें। यहां आप मां लक्ष्मी की आरती हिंदी लिरिक्स के साथ देखकर पढ़ सकते हैं।
Maa Lakshmi ji ki aarti / मां लक्ष्मी की आरती पढ़िए
मां लक्ष्मी की आरती
मां लक्ष्मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
।।ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥