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साईं के विशेष आशीर्वाद से बनेंगे अधिकारी, गुरुवार को जरूर गाएं उनके ये भजन

Updated Mar 05, 2020 | 08:01 IST

Sai ke bhajan, Sai kripa part 3 : मन की शांति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गुरुवार को साईं बाबा के भजन को जरूर गाना चाहिए। पूजा-पाठ और आरती के बाद साईं के भजन आपको उनका विशेष कृपा पात्र बनाएंगे।

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Sai baba ke bhajan, साईं बाबा के भजन
मुख्य बातें
  • साईं की कृपा पाने के लिए भक्त का निश्चल मन होना जरूरी है
  • साईं के भजन गा कर ही भक्त उनका आशीर्वाद पा सकते हैं
  • साईं को पीले फूल और भोग बेहद पसंद हैं

कहते हैं भगवान की पूजा के बाद यदि मन से उनके भजन को गा लिया जाए तो प्रभु का प्रेम जरूर मिलता है। भजन गाने के एक नहीं अनेक फायदे हैं। साईं बेहद सरल और सादगी पसंद थे और वह अपने भक्तों में भी यही देखना चाहते हैं।

साईं की पूजा में बहुत नियम कायदे नहीं हैं और यदि भक्त उनके भजन मन और पूरी श्रद्धा के साथ गा लें तो साईं इससे भी प्रसन्न हो जाते हैं। गुरुवार के दिन साईं बाबा को विशेष रूप से समर्पित होता है।

सच्चे मन और निश्चल भाव से साईं के दर पर आने वाले हर भक्त की वह मनोकामना पूरी करते हैं। यदि आप आत्म की शांति की तलाश में हैं तो गुरुवार के दिन साईं के इस भजन को जरूर गाएं।

पीले फूल और खिचड़ी का चढ़ाएं प्रसाद
साईं को संसार का कष्ट अपना कष्ट लगता था। साईं पीले रंग से विशेष प्रेम करते थे और यही कारण है कि उनकी पूजा में पीले रंग के फूल और प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। साईं की पूजा में यदि गेंदे का फूल हो और उनका विशेष प्रसाद खिचड़ी हो तो वह अपने भक्तों से बहुत ही प्रसन्न होते हैं। साईं सादगी भरा जीवन जीते थे और यही कारण है कि खिचड़ी ही उनका विशेष भोग बन गया।

साईं के दरबार से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता
साईं कुटिया में रहते थे और फकीर की तरह जीवन जीते थे, लेकिन जब भी कोई भक्त उनके पास अपने दुखड़े लेकर या समस्याएं लेकर आता था तो वह अपनी कुटियां से कभी किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते थे। कहा जाता है कि साईं पानी में भी पूरियां तल लेते थे। उनकी शक्तियां कहीं भी पहुंच जाती थीं।

भले ही इंसान उनके पास हो या उनसे दूर। वह उसकी परेशानी कहीं से भी दूर कर देते थे। यही कारण है कि कभी जो उनके दुश्मन हुआ करते थे वह भी उनके भक्त हो गए थे। तो गुरुवार को साईं की पूजा के बाद इस भजन को जरूर गाएं। इससे आपके कष्ट दूर होंगे और मन को शांति मिलेगी।

आइए सांईं के इस भजन से मिलेगा विशेष आर्शीवाद

ज़माने में कहाँ टूटी हुई तस्वीर बनती है
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तक़दीर बनती है

तारीफ़ तेरी निकली है दिल से आई है लब पे बन के क़व्वाली
शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली
शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली
लब पे दुआएँ आँखों में आँसू दिल में उम्मीदें पर झोली खाली
शिरड़ी वाले साईं बाबा आया है तेरे दर पे सवाली
दर पे सवाली

ओ मेरे साईं देवा
तेरे सब नाम लेवा
ओ मेरे साईं देवा
तेरे सब नाम लेवा
जुदा इन्सान सारे सभी तुझको हैं प्यारे
सूने फ़रियाद सबकी
तुझे है याद सबकी
बड़ा या कोई छोटा नहीं मायूस लौटा
अमीरों का सहारा
ग़रीबों का गुज़ारा
तेरी रहमत का क़िस्सा बयाँ अकबर करे क्या
दो दिन की दुनिया
दुनिया है गुलशन
सब फूल बाँटे
तू सबका माली
(है) शिरड़ी वाले (हा) साईँ बाबा (हो) आया है तेरे दर पे सवाली

ख़ुदा की शान तुझमें
दिखे भगवान तुझमें
ख़ुदा की शान तुझमें
दिखे भगवान तुझमें
तुझे सब मानते हैं तेरा घर जानते हैं
चले आते हैं दौड़े जो ख़ुश-क़िस्मत है थोड़े
ये हर राही की मंज़िल
ये हर कश्ती का साहिल
जिसे सबने निकाला उसे तूने संभाला
जिसे सबने निकाला उसे तूने संभाला
तू बिछड़ों को मिलाए बुझे दीपक जलाए
तू बिछड़ों को मिलाए बुझे दीपक जलाए
तू बिछड़ों को मिलाए बुझे दीपक जलाए
ये ग़म की रातें
रातें ये काली
इनको बना दे ईद और दीवाली

शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली
लब पे दुआएँ आँखों में आँसू दिल में उम्मीदें पर झोली खाली
शिरड़ी वाले साईँ बाबा आया है तेरे दर पे सवाली

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