हनुमान जी के नाम को डर दूर करने और मन को बल देने वाला माना जाता है। देश भर में बजरंग बली के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां खासतौर पर मंगलवार और शनिवार के दिन बहुत भीड़ रहती है। इस लिस्ट में गुजरात के सारंगपुर के श्री कष्टभंजन मंदिर का नाम भी आता है। यहां स्थित हनुमान जी की मूर्ति बेहद शक्तिशाली मानी जाती है। मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से कई दुख दूर होते हैं। अत: इस स्थान को श्री कष्टभंजन मंदिर कहा जाता है।
Facts of Sri Kastbhanjan Hanuman temple in Sarangpur, Gujarat
गुजरात के सारंगपुर के इस मंदिर को बेहद पवित्र माना जाता है। साथ ही ये स्वामीनारायण संप्रदाय में अधिक प्रमुख भी है। बताया जाता है कि यहां की प्रतिमा को सद्गुरु गोपालानंद स्वामी द्वारा अश्विनी वाडी पंचम - सावंत 1905 (हिंदू कैलेंडर के अनुसार) पर स्थापित किया गया था। इस मंदिर की छवि इतनी शक्तिशाली बताई जाती है कि बुरी आत्माओं से प्रभावित लोग अगर इसके दर्शन भर कर लें तो उनको फायदा होता है।
एक छोटी पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में हनुमान जी के चरणों के पास ही शनिदेव बैठे हुए हैं। यहां कष्टभंजन हनुमान आपको सोने के सिंहासन पर विराजमान दिखेंगे और इनको महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य, पढ़ाई और बुरी नजर से प्रभावित लोगों के लिए यहां के दर्शन बेहद लाभकारी माने जाते हैं। साथ ही ये इकलौता स्वामीनारायण मंदिर है जिसमें स्वामीनारायण या भगवान कृष्ण की मूर्ति प्राथमिक तौर पर स्थापित नहीं है।
दर्शन और आरती का समय
श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर में मंगला आरती का समय सुबह 5:30 बजे का है। बाल भोग यानी का समय सुबह 6:30 से 7:30 का है। 10:30 से 11:00 के बीच राजभोग का समय होता है। इसके बाद दोपहर 12:00 से 3:15 के बीच में मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं।
शाम की आरती का समय निश्चित न होकर पहर के अनुसार बदलता है और फिर आरती के बाद आधे घंटे के लिए दर्शन खुलते हैं। शनिवार के दिन यहां खूब भीड़ उमड़ती है और आपको दर्शन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
कैसे पहुंचे श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर
सारंगपुर के पास में गुजरात का बड़ा शहर भावनगर है। दोनों जगहों के बीच मात्र 82 किलोमीटर की दूरी है जिसे बस या फिर बार से आसानी से पूरा किया जा सकता है।