प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा की रात बेहद खूबसूरत होती है। यह अन्य रातों की अपेक्षा काफी अलग होती है और चंद्रमा की किरणें भी सबसे तेज होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा की रात को चांदनी रात में खीर रखी जाती है।
विष्णु पुराण के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात की सुंदरता को निहारने के लिए देवता स्वयं धरती पर उतरते हैं। इस दिन से सर्दी के मौसम की शुरूआत होती है। शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व है। कहा जाता है कि विधि विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन धान्य की कमी नहीं होती है। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ये काम जरुर करना चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
शरद पूर्णिमा के दिन दूध में चावल की खीर बनाकर चंद्रदेव और मां लक्ष्मी को चढ़ाएं और इसी खीर को चांदनी रात में खुला रखें। इस रात माता को प्रसन्न करने के लिए रात्रि जागरण करें। इसके साथ ही लक्ष्मी जी की षोडशोपचार विधि से पूजा करके श्री सूक्त का पाठ, कनकधारा स्त्रोत, विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ पूरी श्रद्धा के साथ करें। इससे आपके घर में कभी धन की कमी नहीं होगी और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- शरद पूर्णिमा के दिन कुंवारी कन्याओं को सुबह सूर्य एवं चंद्र देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। ऐसे करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
- शरद पूर्णिमा की मध्य रात्रि के बाद माता लक्ष्मी इस सुंदर रात को देखने के लिए धरती पर उतरती हैं। इसलिए पूरी रात मां लक्ष्मी की उपासना करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है।
- माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी का जन्म होता है। इसलिए इस दिन विशेष तरीके से माता लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक संकट दूर होता है।
- शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का ध्यान करके जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करने से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। इस दिन मंदिर में जाकर भजन कीर्तन में शामिल होना भी फलदायी होता है।
- शरद पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान करना चाहिए और दिन में एक बार भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
- इस दिन गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और अपने सामर्थ्य के अनुसार दान देना चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन ये सभी उपाय सच्चे मन और पूरे भक्ति भाव के साथ करना चाहिए। यह रात बहुत खास होती है और कई मायनों में फलदायी भी होती है।