Ways to please mahalakshmi, महालक्ष्मी, धनलक्ष्मी पूजा
महालक्ष्मी को धनलक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है। धनलक्ष्मी धन की वर्षा करने वाली ही नहीं, बल्कि सुंदर काया और स्वास्थ्य देने वाली भी होती हैं। शुक्रवार के दिन माता की विशेष पूजा का होता है। वार के अनुसार पूजा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद आसानी से मिलता है। शुक्रवार की पूजा में कुछ चीजें आम पूजा से अलग होती हैं और इस दिन माता की कृपा पाने का साधन केवल पूजा नहीं होता बल्कि वाणी और व्यवहार में संयमित रह कर भी आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। इसलिए माता की पूजा में कुछ बातों का ध्यान हमेशा दें और कुछ उपाय आजमा कर आप धनलक्ष्मी को आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं।
इन उपायों और तरीकों से करें देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न
- धन लक्ष्मी की पूजा करने से पहले दो बातों को जरूर जान लें। पहला माता की पूजा हमेशा स्वच्छ मन और विचारों के साथ करें। दूसरा कभी किसी स्त्री का अपमान या उसे कष्ट न दें। जो भी इंसान स्त्री का सम्मान करता है और उसके साथ अच्छा व्यवहार करता है उससे धनलक्ष्मी हमेशा प्रसन्न रहती हैं।
- धनलक्ष्मी यानी महालक्ष्मी की विशेष पूजा शाम को करनी चाहिए। सूर्यास्त के बाद माता की पूजा फलीभूत होती है। सुबह सामान्य पूजा करें।
- शाम के समय महालक्ष्मी को कुमकुम, अक्षत, सुगंध और फूल अर्पित करें और आसन लगाकर वही बैठ कर माता की आरती, मंत्र आदि का जाप करें।
- अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए धन लक्ष्मी का ये मंत्र जपें। क्षीरदायै धनदायै बुद्धिदायै नमो नम:। यशोदायै कीर्तिदायै धर्मदायै नमो नम:।।
- महालक्ष्मी की उपासना के समय सफेद वस्त्र पहनें और और उनकी पूजा में भी सफेद चीजों को ही शामिल करें।
- शुक्रवार के दिन पीले कपडे में पांच पीली कौड़ी, केसर और एक चांदी का सिक्का पूजा में शामिल करें और पूजा खत्म होने पर तीनों ही चीजों को बांध कर तिजोरी में रख दें। धन की कमी कभी नहीं होगी।
- धन लक्ष्मी को हमेशा भोग सफेद चीजों का लगाएं। खीर, सफेद पेड़ा या मखाना आदि।
- माता का प्रसाद सर्वप्रथम घर की सबसे बड़ी स्त्री जैसे मां, मौसी, सास आदि को। यदि ये लोग उपलब्ध न हो तो अपनी पत्नी को खिलाएं। इसके बाद प्रसाद अन्य लोगों को दें।
महालक्ष्मी की पूजा में इन बातों का यदि ध्यान रखा जाए तो घर में सुख-शांति और समृद्धि हमेशा बनी रहती है।