- पति-पत्नी को बीम के नीचे कभी नहीं सोना चाहिए
- उत्तर-पूर्व दिशा में भारी-भरकम निर्माण नहीं होना चाहिए
- पत्नी को पति के हमेशा बाएं ओर सोना चाहिए
वास्तु यदि घर में सही नहीं हो तो इससे मनुष्य के जीवन में भी बहुत सी दिक्कतें आने लगती हैं। यही कारण है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का होना जरूरी माना जाता है। वास्तुदोष के कारण घर में धन हानि, स्वास्थ्य हानि, मन मुटाव या अशांति बनी रहती है। इतना ही नहीं कई बार संतान सुख का अभाव का कारण भी वास्तु दोष बन जाता है। यदि आप भी संतान सुख से वंचित हैं तो आपको अपने स्वास्थ्य जांच के साथ घर के वास्तु पर भी ध्यान देना चाहिए। कई बार वास्तु के गंभीर दोष के कारण भी संतान सुख में भी रूकावट आती है।
घर में वास्तु के इन दोषों की करें पहचान, दूर होगा दुख
- यदि आपके घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भारी-भरकम निर्माण है या सामान रखा है अथवा ईशान कोण टेढ़ा-मेढ़ा या ऊंचा हो, सीढ़ियों के नीचे टॉयलेट बना हो तो ये गंभीर वास्तु दोष होता है और इस वास्तुदोष के कारण संतान सुख से आप वंचित रह सकते हैं। इसलिए वास्तु के इन दोषों को दूर करें और समस्या से निजात पाएं।
- यदि घर में युद्ध करती तस्वीर हो या एकांत में बैठे व्यक्ति की तस्वीर हो तो वह हटा दें। ऐसी मायूसी वाली या विध्वंसक तस्वीरें प्रेम भाव को खत्म करती हैं। अपने बेडरूम में हाथी का तस्वीर लगाएं। साथ ही कमरे में फल, अनार और जौ को रखें। वास्तु में इन्हें फर्टिलिटी का कारक माना जाता हैं।
- यदि पति-पत्नी के सोने की दिशा सही नहीं हो तो भी संतान सुख नहीं मिलता। इसलिए पत्नी को हमेशा पति के बाएं ओर ही सोना चाहिए।
- यदि दंपति जहां सोते हैं उसके ऊपर बीम हो तो वहां से अपना बिस्तर हटा दें। इससे संतान प्राप्ति में बाधा पैदा हो सकती हैं।
- नवदंपत्ति के लिए वायव्या कोण यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में कमरा आदर्श माना जाता है। पर गर्भ धारण करने के बाद दंपति को दक्षिण-पश्चिम भाग में सोना चाहिए। इससे गर्भ सुरक्षित रहता है।