- शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की करें पूजा
- रात्रि जागरण कर मां लक्ष्मी का भजन-कीर्तन करें
- ब्राह्मण को खीर खिलाएं और मंदिर में खीर का दान करें
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन उल्लू पर सवार होकर मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण कर मां की तन्मयता से पूजा की जाती है, ताकि मां का आशीर्वाद मिले और कभी धन-संपदा और वैभव की कमी न हो। इसके लिए शरदपूर्णिमा के दिन कुछ काम मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए जरूर करने चाहिए।
सच्चे मन और श्रृद्धा से मां लक्ष्मी की पूजा करने वाले की इस दिन आस जरूर पूरी होती है। पुराणों में तो यहां तक कहा गया है कि इस दिन की पूजा का लाभ ऐसा होता है कि अगर किसी की कुंडली में धन योग ना भी हो तो मां की कृपा से उसे धनयोग प्राप्त हो जाता है। तो आइए जानें कि शरद पूर्णिमा पर माता को प्रसन्न करने के लिए क्या कुछ करना चाहिए।
अपार धन और मां की कृपा पाने के लिए जरूर करें ये काम
- शरद पूर्णिमा की रात भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और इष्ट देव की पूजा करें और रात में मां के समक्ष घी का अंखड ज्योत जलाएं। चंद्रमा को भी अर्घ्य जरूर दें।
- पूजा के बाद मां के चरणों में लाल गुलाब का फूल अर्पित करें और धूप-दीप दिखाएं।
- इस दिन मां को भोग में सफेद रंग की मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं।
- मां लक्ष्मी के इस मंत्र "ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः" का कम से कम 11 माला जाप करें।
शरद पूर्णिमा व्रत विधि
- पूर्णिमा के दिन सुबह में इष्ट देव और विष्णु भगवान की पूजा
- शाम को चंद्र देव, इन्द्र देव और महालक्ष्मी का पूजन करें।
- इस दिन ब्राह्मण को खीर खिलाना और दक्षिणा देने का बहुत पुण्य होता है।
- मां लक्ष्मी की पूजा करने के बाद रात्रि जागरण कर मां के भजन और आरती करें।
- रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
- शरद पूर्णिमा के दिन मंदिर में खीर का दान करें। मान्यता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है और दान किया गया खीर रात में आसमान के नीचे रखा जाता है जिससे वह खीर भी अमृत बन जाता है।
इस दिन होती है चन्द्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा
- ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा संपूर्ण और सोलह कलाओं से युक्त होता है।
- इस दिन चन्द्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है जो अच्छा स्वास्थ्य, प्रेम ओर धन प्रदान करने वाली होती है।
- शरद पूर्णिमा के दिन ही भगवान कृष्ण ने महारास रचाया था क्योंकि चंद्रमा इस दिन प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होता है।
- शरद पूर्णिमा के दिन रखी जाने वाली खीर में औषधिय गुण सहमाहित होते हैं और इसे खाने से दमा भी ठीक हो जाता है।
शरद पूर्णिमा के दिन विधि पूर्वक पूजा कर खुले आसमान में खीर जरूर बना कर रखें। अगले दिन भोर में इसे उठा लें और प्रसाद कि तरह से सबकों बांट कर खाएं।