Kitchen ke Vaastu Upay: किचन ही नहीं किचन की वस्तुओं को यदि सही तरीके से न रखा जाए या उसकी खरीदारी का सही समय न हो, तो भी वास्तु दोष लगता है। चकला-बेलन भी ऐसी ही एक वस्तु है। यदि इसे सावधानी से प्रयोग न किया जाए तो इससे भी वास्तुदोष लगता है। चकला-बेलन घर में सुख-समृद्धि का कारण होता है और यदि सही तरीके से न रखा जाए या इसका प्रयोग किया जाए तो इससे घर में धन हानि और दुख का वास होता है। वास्तुशास्त्र में चकला बेलन खरीदने का भी समय बताया गया है। तो आइए जानते हैं कि चकला बेलन किस तरह से व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है और इससे कैसे बचा जाए।
जानें चकला-बेलन के बारे में वास्तुशास्त्र क्या कहता है -
चकला बेलन की साफ-सफाई
चकला-बेलन जब भी प्रयोग के बाद रखें तो उसे जरूर साफ करें। चकला-बेलन को कभी-कभी साफ करना वास्तु में रोग और धनहानि से जोड़ा गया है। इसलिए चकला-बेलन रोज धोकर उसे सुखा कर रखें। ऐसा करने से घर परिवार निरोग रहता है।
चकला बेलन में आवाज न आए
रोटी बेलते समय यदि चकले से आवाज आती है तो ये वास्तु के अनुसार अच्छा संकेत नहीं होता। चकले से आने वाली आवाज को धनहानि का कारण माना जाता है। यदि चकले से आवाज आ रही तो उसे बदल दें अथवा चकले के नीचे कपड़ा या पेपर रख कर रोटियां बेलें। इससे वास्तु दोष नहीं लगेगा।
चकला-बेलन खरीदने का जानें सही समय
चकला-बेलन खरीदने के लिए भी वास्तु में समय बताया गया है। किसी दिन भी यदि आप इसे खरीद कर लाते हैं तो ये सही नहीं होगा। यदि चकला लोहे या स्टील का है तो इसे शनिवार बिलकुल न खरीदें। यदि लकड़ी का चकला खरीद रहें हैं तो इसे पंचाक, मंगलवार और शनिवार के दिन न लें। चकला जब भी खरीदें, बुधवार के दिन ही खरीदें।
चकले-बेलन को रखने का तरीका
चकला-बेलन जब प्रयोग न कर रहे हो तो इसे रखने का तरीका भी जान लें। चकले-बेलन के लिए स्टैंड खरीद लें और उसे उसी पर रखा करें। आटे के ड्रम पर या बर्तन पर न रखें। चकले को खड़ा कर रखें और बेलन को पटकर रखें।
चकला-बेलन कौन सा अच्छा होता है
वास्तु में चकला-बेलन की धातु के बारे में भी बताया गया है। वास्तु में चकला और बेलन दोनों ही स्टील के सर्वश्रेष्ठ माने गए हैं। वहीं लकड़ी के चकला-बेलन को रोगी माना गया है, क्योंकि इसमें फफूंद लगने, तेल ज्यादा सोखने आदि की कमियां मानी गई हैं।
तो अब अपने घर में खुशहाली के लिए चकला-बेलन पर भी विशेष ध्यान दें, ताकि घर में हमेशा सुख कायम रहे।