- रोग मुक्ति के लिए पश्चिम दिशा में मुख कर खाना चाहिए
- कुंडली में यदि मारक ग्रह हो तो पूर्व दिशा में मुख कर खाएं
- धन संकट से मुक्ति के लिए उत्तर दिशा बेहतर मानी गई है
वास्तु के उपाय केवल घरों के दोष का ही निवाराण नहीं करते बल्कि ये इंसान के जीवन में आने वाले संकटों से भी मुक्ति दिलाते हैं। वास्तु शास्त्र का दायरा बहुत ही बड़ा है। वास्तु में दिशाओं का बहुत महत्व है और दिशाएं यदि सही हों या सही दिशा में काम किया जाए तो इससे कार्य सफल होते हैं और घर में बरकत आती है। वास्तु दोष के निवारण के लिए भी दिशाओं का बहुत महत्व होता है। यदि आप घर को सुख-शांति और सेहत और धन से भरा रखना चाहते हैं तो आपको खाना खाते समय दिशा का सही ज्ञान होना जरूरी है। आपको बता दें कि व्यक्ति की परेशानियों का बहुत सा उपाय उसके सही दिशा में खाने में छुपा होता है।
जानें, वास्तु के अनुसार किस दिशा में मुंह कर खाने क्या मिलता है लाभ
पूर्व की ओर मुख : साथ ही यदि जिसकी कुंडली में अचानक मृत्यु का भय हो उसे भी पूर्व दिशा की ओर मुख कर के ही खाना चाहिए। इससे आयु बढ़ती है। मारक ग्रह यदि कुंडली में हो तो ऐसे लोगों को हमेशा पूर्व की ओर मुख कर ही खाना चाहिए।
उत्तर की ओर मुख : यदि बहुत मेहनत के बाद भी धन नहीं कमा पा रहे या कमाया हुआ धन घर में नहीं टिकता तो आपको हमेशा उत्तर की ओर मुख करके खाना खाना चाहिए। खास कर घर के मुखिया को हमेशा उत्तर दिशा में ही मुख कर भोजन करना चाहिए।
दक्षिण की ओर मुख : दक्षिण दिशा में हालांकि मुख कर खाने की मनाही होती है। ज्योतिष में ये दिशा सही नहींह मानी गई है। हालांकि जिन लोगों पर नकारात्मक शक्तियां हावी होती हैं या प्रेत बाधा होती है उन्हें इससे मुक्ति दिलाने के लिए दक्षिण दिशा में मुख कर खाने को कहा जाता है।
पश्चिम की ओर मुख : यदि आपका स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता है या घर में कोई सदस्य बीमार हो तो उसे हमेशा पश्चिम की ओर मुख करके खाना खाना चाहिए। बेहतर स्वास्थ्य औ रोग मुक्ति के लिए पश्चिम दिशा का वास्तु में विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि बीमार लोगों को पश्चिम की ओर मुख करके खाने की सलाह दी जाती है।