- ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है अपरा एकादशी, इसे अचला एकादशी भी कहते हैं।
- धर्मराज युधिष्ठिर को भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं बताया था इस एकादशी का महत्व।
- भक्त अपरा एकादशी के दिन करते हैं भगवान विष्णु की पूजा।
Apara Ekadashi 2021: हर वर्ष कुल 24 एकादशीयां मनाई जाती हैं। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। अपरा एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। अचला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह कहा जाता है कि इस दिन जो भक्त भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान से करता है उसके जीवन में अपार धन की वर्षा होती है।
Apara Ekadashi Rituals: मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी पर गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। गंगा स्नान करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है तथा पुण्य फल मिलता है। अपरा एकादशी पर किसी धर्म स्थल पर दान अवश्य करना चाहिए। अपरा एकादशी को महाभारत काल से भी जोड़कर देखा जाता है।
कहा जाता है कि धर्मराज युधिष्ठिर के कहने पर भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें इस एकादशी के महत्व के बारे में बताया था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार अपरा एकादशी पर शोभन योग बन रहा है जो सुबह 04:35 तक रहेगा।
अपरा एकादशी तिथि: - 6 जून 2021, रविवार (Apara Ekadashi 2021 Date and Muhurat)
एकादशी तिथि प्रारंभ: - 5 जून 2021, शनिवार सुबह (04:07)
एकादशी तिथि समाप्त: - 6 जून 2021, रविवार सुबह (06:19)
अपरा एकादशी पारण शुभ मुहूर्त: - 7 जून 2021 (सुबह 05:12 से लेकर सुबह 07:59)
अपरा एकादशी महत्व (Apara Ekadashi 2021 Significance)
कहा जाता है अपरा एकादशी पर जो भक्त भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे कभी धन की कमी नहीं होती है। अपरा एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति को सुख, शांति की प्राप्ति होती है तथा उसके समस्त पाप मिट जाते हैं।
अपरा एकादशी पर गंगा स्नान करना तथा धर्म स्थल में दान करना बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस बार अपरा एकादशी पर शोभन योग बन रहा है जो शुभ कार्य और यात्रा के लिए उत्तम माना जाता है।