हिंदू धर्म में कार्तिक मास का बहुत महत्व है। वैसे तो दान पुण्य करना हमेशा फलदायी होता है लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन गरीबों और जरुरतमंदों को दान देने से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन धार्मिक कार्यों का आयोजन करने से इसकी महत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है। मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन कथा सुनने और भजन कीर्तन का आयोजन करने से देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर को है। इस विशेष दिन लोग गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों और तालाबों में स्नान करके गाय एवं अन्य वस्तुओं का दान करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन धार्मिक कार्य एवं दान दक्षिणा देने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से व्यक्ति सात जन्मों तक ज्ञानी, विद्वान और धनवान बना रहता है और जीवन में कभी आर्थिक स्थिति खराब नहीं होती है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व इसलिए बहुत ज्यादा है क्योंकि इस दिन भगवान शिव का दर्शन करने से व्यक्ति को विशेष फल प्राप्त होता है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित हो रहा हो उस दौरान शिवा, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं की पूजा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन गंगा में स्नान करना बहुत फलदायी होता है। गंगा में स्नान करने के बाद दीपदान का भी बहुत अधिक महत्व है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा के दिन संतरा, सेब, शरीफा, उड़द दाल, चावल और सफेद चीजों का दान करना शुभ होता है।
कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि
- इस दिन गंगा में स्नान करना चाहिए और अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर सकते तो घर में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन गाय, दूध, खजूर, केला, अमरुद, चावल, तिल और आंवले का दान करना बहुत फलदायी होता है।
- इस दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार बहन, बुआ और ब्राह्मणों को वस्त्र और अन्न दान करना चाहिए।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और घी का दीया जलाना चाहिए।
भगवान विष्णु की पूजा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का बहुत महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन संध्याकाल में भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था। इसलिए इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद दीप दान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत, स्नान और पूजा के सभी नियमों का पालन करने से देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।