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Kartik purnima Niyam : कार्तिक पूर्णिमा के दिन कतई न करें ये काम, रखें इन नियमों का ध्‍यान 

Updated Nov 10, 2019 | 10:15 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

कार्तिक पूणिमा (Kartik purnima) के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस बात का खास ख्‍याल रखना चाहिये। कार्तिक पूर्णिमा के नियम काफी कठिन होते हैं। यहां जानें इनके बारे में...

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Kartik purnima Niyam
मुख्य बातें
  • इस दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर आम का तोरण बाधें
  • इस दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा में स्नान करके गरीबों को दान दिया जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग देश के विभिन्न नदियों में स्नान करके अपने पाप धोते हैं और अपने सामर्थ्य अनुसार दीन दुखियों और ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के नियम काफी कठिन होते हैं और इन नियमों का पालन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपासुर नामक राक्षस का वध किया था।

मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन कृतिका नक्षत्र में भगवान शंकर की विधि विधान से पूजा और दर्शन करने से व्यक्ति सात जन्मों तक विद्वान, ज्ञानी और धनवान होता है। इस दौरान  कार्तिक पूर्णिमा के दिन जब चंद्रमा उदित हो रहा हो तो शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं की पूजा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं। यही कारण है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन कृतिका नक्षत्र में शिव की पूजा की जाती है। आइये जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें और क्या ना करें।

कार्तिक पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम

  • इस दिन गंगा स्नान जरूर करें। अगर गंगा स्नान करना संभव ना हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन गाय को दान में दें। इसके अलावा दूध, केला, खजूर, अमरूद, चावल, तिल और आंवले का दान करें।
  • इस विशेष दिन अपनी बहन, बुआ और कुछ ब्राह्मणों को अपनी श्रद्धा के अनुसार वस्त्र और दक्षिणा जरुर दें।
  • कार्तिक पूर्णिमा की शाम गंगाजल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
  • इस दिन स्नान करने के बाद जल में दूध और शहद मिलाकर पीपल के वृक्ष को अर्घ्य देना चाहिए और एक घी का दीया जलाना चाहिए। माना जाता है कि पीपल के पेड़ पर माता लक्ष्मी का वास होता है और दीपक जलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और सत्यनारायण भगवान की कथा जरुर सुनें।
  • इस दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर आम का तोरण बाधें और रंगोली बनाकर भगवान का स्वागत करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के द्वार पर आए भिखारी को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी और तालाब में दीप जलाएं और दीपदान करें। ऐसा करने से पुण्य मिलता है।
  • इस दिन तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व होता है। पूरे विधि विधान से तुलसी की पूजा करें और घी का दीया जलाएं।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ना करें ये काम 

  • इस दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन संभोग ना करें। ऐसे करने से चंद्रमा के दुष्प्रभाव को झेलना पड़ सकता है।
  • इस दिन शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी व्यक्ति से झगड़ा भी नहीं करना चाहिए।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी जानवर की हत्या नहीं करनी चाहिए और ना ही उसे मारना चाहिए। इस दिन गरीब और लाचार लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन बुजुर्ग लोगों को दुख नहीं देना चाहिए अन्यथा किसी भी देवता की कृपा नहीं प्राप्त होगी।
  • कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए और ना ही तुलसी को जड़ से उखाड़ना चाहिए।
  • इस दिन उड़द, मसूर, करेला, बैंगन और हरी सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।

इस प्रकार कार्तिक पूर्णिमा के दिन इन सभी नियमों का श्रद्धापूर्वक पालन करने से देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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