- 27 फरवरी को मनाई जाएगी माघ मास के शुक्ल पक्ष की माघ पूर्णिमा
- पूर्णिमा व्रत पर स्नान, दीप का दान और तुलसी पूजा का है विशेष महत्व
- पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करना बहुत लाभदायक माना जाता है।
माघ मास को सबसे पवित्र महीना माना गया है, इस महीने में आने वाली पूर्णिमा तिथि बहुत लाभकारी होती है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 27 फरवरी को है। पूर्णिमा के दिन स्नान, तुलसी की पूजा और दीप का दान करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर उपछाया चंद्रग्रहण होगा जो महायोग सर्वार्थ सिद्धि योग का कारण बन रहा है। मान्यताओं के अनुसार, ऐसे योग में भगवान सत्यनारायण की पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी दुख दर्द को दूर करते हैं। इस योग में देवर्षि नारद ने भी श्रीसत्यनारायण व्रत करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था।
यहां जानिए इस योग में सत्यनारायण व्रत करने का महत्व और कथा का लाभ।
सत्यनारायण व्रत का क्या है महत्व?
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करना बहुत लाभदायक माना गया है। सत्यनारायण भगवान की पूजा करने से भगवान विष्णु अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। इस दिन धार्मिक कार्यों में आगे रहना चाहिए और दीप दान करना चाहिए। श्री सत्यनारायण की पूजा करने के बाद कथा अवश्य पढ़ना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
श्री सत्यनारायण की कथा क्यों सुननी चाहिए?
पुराणों के अनुसार, भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने से धन में हमेशा बरकत होती है और घर की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कहा जाता है कि आर्थिक संसाधनों के दरवाजे भी खुल जाते हैं। इतना ही नहीं भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने से बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम होता है और भगवान विष्णु के भक्तों को सिद्धि की प्राप्ति होती है।