- हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का महत्व सबसे ज्यादा होता है
- मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान का बहुत महत्व है
- मकर संक्रांति पर कई लोग जानकारी न होने की वजह से कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का महत्व सबसे ज्यादा होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस बार ये त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान का बहुत महत्व है। कहते हैं कि इस मौके पर किया गया दान सौ गुना होकर वापस फलीभूत होता है। मकर संक्रान्ति के दिन घी-तिल-कंबल-खिचड़ी दान का खास महत्व है।
मकर संक्रांति पर कई लोग जानकारी न होने की वजह से कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिसको उन्हें जीवनभर नुकसान उठाना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर जानकारी के अभाव में कई लोग मांस और शराब का सेवन कर लेते हैं जो कि गलत है। यदि आप जान लें कि इस दिन कौन से काम नहीं करने चाहिये तो आप जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
मकर संक्रांति पर भूल कर भी न करें ये काम
- सूर्य को जल लोहे , स्टील या प्लास्टिक के पात्र से न दें।
- घर में कोई भी सदस्य कहीं भी मांसाहारी भोजन कदापि मत करे।
- घर के किसी भी सदस्य को शराब का सेवन नहीं करना है।
- धूम्रपान भी वर्जित है।
- घर पर बनने वाले भोजन में लहसुन और प्याज ना डालें। केवल खिचड़ी बनाएं और वही खाएं
- भोजन बनाने वाली जगह भोजन कदापि न करें।
- पूरे दिन नए या एकदम साफ कपड़े धारण करें। गंदे कपड़े कदापि न पहनें।
- प्रयास करें कि असत्य न बोलें।
- ब्रम्हचर्य का पालन आवश्यक है।
- किसी की निन्दा कदापि न करें।
- यदि आपने भगवान सूर्य से कभी कुछ मांगा है तो वह पूजा इस संक्रांति पर न करने से समस्या आ सकती है।
इस महापर्व पर दान का बहुत महत्व है। गरीबों में ऊनी वस्त्र का दान करें।कम्बल का वितरण करें। जगह जगह गरीब जनों को खिचड़ी खिलाएं।