- ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर हुई थी महेश्वरी समाज की उत्पत्ति।
- महेश नवमी पर होती है भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा, महेश्वरी समाज के लिए महत्वपूर्ण है यह तिथि।
- महेश नवमी के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना माना जाता है बेहद लाभदायक।
Mahesh Navami Date Time and Significance: ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। परंपरागत मान्यता है कि,युधिष्ठिर संवत 9 के ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर महेश्वरी समाज की वंशोत्पति हुई थी। इसीलिए ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि महेश नवमी के नाम से जानी जाती है। इस दिन महेश यानि भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा विधि-विधान के अनुसार की जाती है।
यह पर्व महेश्वरी समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और महेश्वरी समाज के लोग इस तिथि को बेहद धूमधाम से मनाते हैं। कहा जाता है कि महेश नवमी पर शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। यहां जानिए इस वर्ष महेश नवमी कब मनाई जाएगी।
महेश नवमी तिथि और मुहूर्त (Mahesh Navami 2021 Date and Muhurat)
महेश नवमी तिथि: - 19 जून 2021, शनिवार
नवमी तिथि प्रारंभ: - 18 जून 2021 शाम (08:35)
नवमी तिथि समापन: - 19 जून 2021 शाम (04:45)
महेश नवमी का महत्व (Mahesh Navami Significance)
महेश्वरी समाज के लिए महेश नवमी का धार्मिक महत्व होता है। कहा जाता है महेश नवमी पर शिवलिंग पर जल अर्पित करने से पापों से मुक्ति मिलती है तथा भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन महेश्वरी समाज के लोग मंदिरों और शिवालयों में जाकर महादेव की पूजा करते हैं। इसके साथ हर एक शिव मंदिर में महादेव का उद्घोष गूंजता रहता है।
महेश नवमी पर सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यों का आयोजन होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करना बेहद लाभदायक माना जाता है। कई लोग महेश नवमी पर भगवान शिव तथा माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी रखते हैं।