2 साल पुराना स्टार्टअप और 18 साल का फाउंडर, यूनिक लगा आइडिया तो रतन टाटा ने किया बड़ा निवेश

Ratan Tata investment in 18 Years old Youth Company: भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा ने 16 साल की उम्र में अपना स्टार्टअप शुरु करने वाले युवा की कंपनी में निवेश किया है।

Ratan Tata with Arjun DeshPande
अर्जुन देशपांडे के साथ रतन टाटा 
मुख्य बातें
  • 16 साल की उम्र में युवा ने शुरु किया था स्टार्टअप
  • जेनरिक आधार कंपनी में टाटा ने किया निवेश
  • 2 साल पुरानी कंपनी का लक्ष्य- 3 साल में 150-200 करोड़ का रेवेन्यू

नई दिल्ली: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने कुछ देर पहले एक ऐसी स्टार्टअप कंपनी में निवेश किया है जो महज 2 साल पुरानी है और जिसकी स्थापना करने वाला शख्स अभी 18 साल का है और 16 साल की उम्र में उसने स्टार्टअप शुरु किया था। कंपनी का नाम है 'जेनरिक आधार' और इसके फाउंडर हैं अर्जुन देशपांडे। कई रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा है कि टाटा ने कंपनी में 50 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीद ली है हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है और डील कितने में हुई उसको लेकर भी कुछ भी सामने नहीं आया है।

क्या करती है कंपनी? 'जेनरिक आधार' नाम की कंपनी दवा के खुदरा व्यापार से जुड़ी हुई है। यह कंपनी मैन्युफैक्चर्स से दवा लाकर सीधे रिटेलर्स को बेचने का काम करती है।

3 साल में 150-200 करोड़ के रेवेन्यू का लक्ष्य: फिलहाल जेनरिक  आधार नाम की कंपनी का रेवेन्यू 6 करोड़ रुपए है और आने वाले अगले 3 सालों में इसके 150 से 200 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है।

छोटी उम्र में शुरु किया नया बिजनेस मॉडल: अर्जुन देशपांडे की उम्र जब 18 साल थी तब उन्होने अपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी, यह एकदम नए बिजनेस मॉडल पर आधारित है और फॉर्मेसी एग्रीगेटर बिजनेस मॉडल को फॉलो करता है।

82 वर्षीय टाटा भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक सक्रिय निवेशक रहे हैं और उन्होंने पेटीएम, ओला और अर्बन लैडर जैसी कंपनियों में निवेश किया है।

क्या बोले अर्जुन? जेनरिक आधार के संस्थापक और सीईओ अर्जुन देशपांडे ने कहा, 'जब रतन टाटा को व्यवसाय योजना के बारे में पता चला, तो उन्होंने व्यक्तिगत क्षमता में इस मिशन का हिस्सा बनने का फैसला किया और जेनेरिक आधार को हर भारतीय तक पहुंचाने में मदद की।' हालांकि, स्टार्टअप ने निवेश राशि का खुलासा नहीं किया है।

वर्तमान में, जेनेरिक आधार मधुमेह और उच्च रक्तचाप की दवाओं की आपूर्ति करता है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि जल्द ही बाजार मूल्य से बहुत कम दरों पर कैंसर की दवाओं की भी पेशकश कंपनी शुरू कर देगी। यह पालघर, अहमदाबाद, पांडिचेरी और नागपुर में चार डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित निर्माताओं के साथ जुड़ी हुई है।

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