7th Pay Commission: जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच रिटायर हुए लोगों के लिए बड़ा फायदा होने वाला है। सरकार इन रिटायर कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में 11 फीसदी की बढ़ोतरी का लाभ देने पर राजी हो गई है। इससे जूनियर से सीनियर स्तर के कर्मचारी को रिटायरमेंट फंड में करीब 1 लाख से 7 लाख रुपए का लाभ होगा। यह लाभ ग्रेच्युटी और लीव इनकैशमेंट के रूप में होगा।
जुलाई में घोषित किए गए अतिरिक्त 11% डीए का ब्रेकअप जनवरी 2020 से 30 जून 2020 के लिए 4%, जुलाई से 31 दिसंबर, 2020 के लिए 4% और जनवरी से 30 जून, 2021 के लिए 3% है। उल्लिखित नियमों के अनुसार केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के अनुसार, रिटायरमेंट या कर्मचारी की मृत्यु की तिथि पर डीए को ग्रेच्युटी की गणना के उद्देश्य से परिलब्धियों के तौर पर गिना जाता है।
नियमों के आधार पर ग्रेच्युटी और लीव इनकैशमेंट की गणना के लिए डीए का राष्ट्रीय प्रतिशत घोषित किया गया है। व्यय विभाग द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम (ओएम) के अनुसार, इन कर्मचारियों के रिटायरमेंट लाभों की गणना निम्नानुसार की जाएगी:-
जागरण रिपोर्ट के मुताबिक डीए की गणना करने वाले एजी ऑफिस ब्रदरहुड, प्रयागराज के पूर्व अध्यक्ष एचएस तिवारी ने कहा कि रिटायरमेंट के समय अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 40,000 रुपए है, तो उन्हें महंगाई भत्ते (डीए) में 11 प्रतिशत वृद्धि होगी। उनकी ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट की राशि में करीब 1,17,000 रुपए की बढ़ोतरी होगी। वहीं अगर मूल वेतन 2,50,000 रुपए प्रति माह है तो रिटायरमेंट फंड 7 लाख रुपए से ज्यादा बढ़ जाएगा।
तिवारी के अनुसार 1 जनवरी 2021 से 30 जून 2021 के बीच रिटायरमेंट हुए कर्मचारियों को काफी फायदा होगा। क्योंकि उनके रिटायरमेंट फंड की गणना 28 फीसदी महंगाई भत्ते के आधार पर होगी। जो लोग जुलाई-दिसंबर 2020 की अवधि में रिटायमेंट हुए हैं, उन्हें कम लाभ मिलेगा, क्योंकि उस दौरान डीए 24 प्रतिशत था। जनवरी-जून 2020 में रिटायरमेंट होने वालों को 21 प्रतिशत डीए दर के कारण सबसे कम लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान प्रावधानों के अनुसार ग्रेच्युटी भुगतान 5 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद प्रभावी है। नए श्रम संहिता के तहत इसमें बदलाव की उम्मीद है, जिसमें कर्मचारी 1 साल की सेवा पूरी करने के बाद भी ग्रेच्युटी भुगतान के लिए पात्र होगा।
हालांकि, उसी के कार्यान्वयन को 1 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है और अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत तक इसमें देरी होने की उम्मीद है। इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं को भी संशोधित किए जाने की उम्मीद है।
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